योगी ने कन्याओं के पखारे पाव, अपने हाथों कराया भोजन
गोरखपुर : शारदीय नवरात्र की नवमी के अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अ
गोरखपुर : शारदीय नवरात्र की नवमी के अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से पूजन किया। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच परंपरागत रूप से नौ कन्याओं और एक बटुक भैरव की पूजा की और उन्हें अपने हाथ से भोजन कराया। पूजन कार्यक्रम एक घंटे तक चला।
कन्या पूजन की शुरुआत दोपहर 12 बजे कन्याओं के पाव पखारने से हुई। योगी ने बारी-बारी से मा दुर्गा के नौ स्वरूपों की प्रतीक नौ कन्याओं और एक बटुक भैरव का परात में पाव पखारा। उन्हें टीका लगाकर चुनरी ओढ़ाई, उनकी आरती की। पूजा-अर्चना के बाद योगी एक-एक कर सभी नौ कन्याओं और बटुक भैरव के पास गए और उनकी थाली में अपने हाथ से भोजन परोसा। इसी क्रम में उन्होंने पूजन कक्ष में मौजूद अन्य कन्याओं को भी श्रद्धा और भक्ति के साथ भोजन कराया। कन्याओं को अपने हाथ से दक्षिणा देकर सम्मानपूर्वक विदाई भी की। कन्या पूजन से पहले ब्रह्मा मुहूर्त में सुबह चार बजे श्रीदुर्गा सप्तशती के पाठ और आरती के साथ मंदिर में देवी के नौवें स्वरूप मा सिद्धिदात्री की आराधना की गई।
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मुख्यमंत्री का साथ पाकर हर्षित हो उठे बच्चे
चार साल से मैं अपने पापा के साथ यहा आती हूं। साल में दो बार आना होता है। महाराज जी खुद पूछ-पूछ कर हमको भोजन कराते हैं। हमारी पूजा करते हैं। बहुत अच्छा लगता है।
अंशिका कन्या पूजन के लिए गोरखनाथ मंदिर में पहली बार आई। जब से नवरात्रि की पूजा शुरू हुई है तभी से मैं यहा आने के लिए तैयारी कर रही थी। योगी जी को बच्चों से बहुत लगाव है।
संध्या मैं पिछले साल भी यहा आई थी। पिछले साल भी महाराज जी ने हमारी पूजा की थी। हमें दक्षिणा के तौर पर रुपये भी मिले थे। इस बार भी मिले। योगी बाबा बहुत अच्छे हैं।
वैष्णवी महाराज जी खुद हम लोगों को पूछ-पूछ कर के खिलाते हैं। दोनों पैर धुलते हैं। बहुत अच्छा लगता है। दोनों नवरात्र पर गोरखनाथ मंदिर आने का बेसब्री से इंतजार रहता है।
लक्ष्मी चौधरी हम लोग इस दिन का इंतजार करते हैं। सुबह से ही तैयारी करते हैं कि हम आज मंदिर में जाएंगे वहा महाराज जी हम लोगों का पूजन करेंगे खाना खिलाएंगे। यहां आकर बहुत खुशी होती है ।
मानवी महाराज जी ने जब पांव पखारा तो काफी अच्छा लगा। पिछले कई दिनों से यहां आने की तैयारी कर रही थी। महाराज जी ने काफी प्रेम से हमें खाना खिलाया। सृष्टि