मार्च के आखिरी सप्ताह में गोरखपुर से फिर शुरू होगी बेंगलुरु की उड़ान Gorakhpur News
गोरखपुर से बेंगलुरु के लिए सीधी उड़ान मार्च के आखिरी सप्ताह में शुरू हो जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। मार्च के आखिरी सप्ताह में गोरखपुर से बेंगलुरु के लिए सीधी उड़ान शुरू हो जाएगी। विमान कंपनी इंडिगो ने 29 मार्च से नान स्टाप फ्लाइट की बुकिंग शुरू कर दी है। दोनों शहर के बीच सीधी उड़ान शुरू होने से यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। कनेक्टिंग फ्लाइट से आने-जाने में छह घंटे का समय लगता है।
तकनीकी वजह से विमान कंपनी इंडिगो ने 30 नवंबर को गोरखपुर से बेंगलुरु की बंद कर दिया। विमानन कंपनी की ओर से बताया गया कि विमान को मरम्मत के लिए भेजा गया है। बेंगलुरु आने-जाने वाले यात्री कनेक्टिंग फ्लाइट से कोलकाता या हैदराबाद होते हुए आते -जाते हैं। जिसमें समय ज्यादा लगता है। एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी ने बताया कि तकनीकी कारण से कुछ समय के लिए हवाई सेवा बंद हुई थी। जो इस साल फिर शुरू हो रही है।
ट्रेन से लगते हैं 50 घंटे
ट्रेन से बेंगलुरु की यात्रा करने पर कम से कम 50 घंटे लगते हैं, जबकि जहाज से यात्रा करनेे में महज ढाई घंटे ही लगते हैं। गोरखपुर से हवाई सेवा बंद होने के बाद छात्रों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गोरखपुर और आसपास के जिलों के काफी छात्र बेंगलुरु में पढ़ते हैंं।
सात जनवरी 2019 को शुरू हुई थी सीधी उड़ान :
गोरखपुर से बेंगलुरु के लिए हवाई सेवा सात जनवरी 2019 को शुरू हुई थी। 30 नवंबर तक बिना रुकावट के उड़ान जारी रही। किराया भी चार से छह हजार के बीच रहने की वजह से लोग बेंगलुरु जाने या वहां से आने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे।
मेट्रो के संशोधित डीपीआर पर आज लखनऊ में होगी बैठक
दो बोगियों वाली गोरखपुर मेट्रो के संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को लेकर शुक्रवार को लखनऊ में बैठक होगी। बैठक में गोरखपुर के मण्डलायुक्त जयंत नार्लिकर एवं गोरखपुर विकास प्राधिकरण के नवागत उपाध्यक्ष अनुज सिंह कार्यदायी संस्था राइट्स एवं लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के अधिकारियों के साथ संशोधित डीपीआर पर चर्चा करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर मेट्रो को लेकर कुछ सुझाव दिये थे। जिसके तहत दूसरा रूट कचहरी से बढ़ाकर नौसढ़ में बने नए बस अड्डे तक करने एवं पहले रूट को सूबा बाजार से पहले एमएमएमयूटी पर ही खत्म करने का प्रस्ताव है। नए डीपीआर के मुताबिक अनुमानित लागत 4800 करोड़ से बढ़कर 4900 करोड़ हो जाएगी।