राजभवन में उजागर हुई गोरखपुर विश्वविद्यालय की खामियां, नैक के लिए अभी करना होगा और इंतजार Gorakhpur News
प्रजेंटेशन में कहा गया है कि इन कमियों को दूर करने के बाद ही नैक की परीक्षा में डीडीयू पास होगा। अब विश्वविद्यालय प्रशासन कमियों को दूर करने में जुट गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की परीक्षा पास करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय की तैयारी अभी अधूरी है। इसकी जानकारी राजभवन में विशेषज्ञों के समक्ष हुए प्रजेंटेशन में हुई है। आधा दर्जन से अधिक बिंदुओं पर उजागर हुई कमियों को दूर करने के निर्देश विश्वविद्यालय को दिए गए हैं।
दूर करनी होंगी कमियां
कुलाधिपति के समक्ष प्रजेंटेशन में कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह स्वयं उपस्थित थे। प्रजेंटेशन में कहा गया है कि इन कमियों को दूर करने के बाद ही नैक की परीक्षा में डीडीयू पास होगा। कुलपति के लखनऊ से लौटने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन कमियों को दूर करने में जुट गया है। इसके लिए एक माह का समय निर्धारित किया गया है। कमियां दूर होने के बाद विश्वविद्यालय 15 फरवरी तक एसएसआर (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) फाइल कर सकता है। इस रिपोर्ट फाइन होने के 45 दिन बाद नैक की टीम मूल्यांकन के लिए आएगी।
पंद्रह साल बाद हो रहा नैक मूल्यांकन
नियम है कि हर पांच वर्ष पर नैक मूल्यांकन होना चाहिए, लेकिन इस बार पंद्रह वर्ष के अंतराल पर विश्वविद्यालय प्रशासन नैक करा रहा है। इसके पहले वर्ष 2005 में नैक की टीम डीडीयू आई थी।
इन बिंदुओं पर सुधार की जरूरत
विश्वविद्यालय में तमाम बिंदुओं पर सुधार की जरूरत है। इसमें विभागों में पुस्तकालयों की उपलब्धता, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त लैब होना जरूरी है। इसी तरह से शोध में गुणवत्ता व पब्लिकेशन बेहतर करना और भवनों में ड्रेनेज सिस्टम को ठीक कराना भी जरूरी है।
ए ग्रेड के लिए कर रहे हैं तैयारी
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह का कहना है कि नैक में 'ए ग्रेड के लिए हम तैयारी कर रहे हैं। इसको लेकर पहली बार राजभवन में तैयारियों का प्रजेंटेशन हुआ है। विशेषज्ञों ने कुछ कमियां बताई हैं, जिसे दूर करने में हम जुटे हैं। 15 फरवरी तक एसएसआर अपलोड किया जाएगा।