फर्जीवाड़ा : सरकारी भूमि को अपना बताकर हड़प लिए 4.95 करोड़ रुपये
गोरखपुर में पुलिस ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय के बाबू समेत दो पर जालसाजी कर रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज किया है।
गोरखपुर, जेएनएन। कैंट पुलिस ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय के बाबू समेत दो पर जालसाजी कर रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज किया है। बेलीपार के मलांव गांव में स्थित सरकारी 3.49 एकड़ भूमि की खतौनी में हेराफेरी कर आरोपितों ने एनएचएआइ से 4.95 करोड़ रुपये का मुआवजा वसूल लिया। शिकायत पर अधिकारियों ने जांच कराई तो सच्चाई सामने आ गई।
3.49 एकड़ सरकारी भूमि को बताया अपना
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण गोरखपुर-वाराणसी मार्ग का चौड़ीकरण (फोरलेन) व बाईपास का निर्माण करा रहा है। प्राधिकरण ने सड़क के दोनों तरफ कास्तकारों की भूमि का अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा राशि दी है। आरोप है कि बांसगांव के कौड़ीराम निवासी हरिकृष्ण ने मलांव गांव में स्थित 3.49 एकड़ सरकारी भूमि को अपना बता प्राधिकरण से 4.95 करोड़ रुपये का मुआवजा वसूल लिया।
डीएम की जांच में हुआ खुलासा
शिकायत पर डीएम ने जांच कराई, तो पता चला कि विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के कार्यालय में तैनात बाबू विकास चंद्र पांडेय भी इस जालसाजी में शामिल है। तथ्य छिपाकर उसने फाइल आगे बढ़ा दी। 4 अक्टूबर 2018 को डीएम के निर्देश पर बाबू को निलंबित कर दिया गया।
क्लर्क बर्खास्त
आरोप साबित होने पर डीएम ने 6 जून को विकास चंद्र पांडेय को बर्खास्त कर दिया। विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय में तैनात बाबू अभिषेक भारती ने सोमवार को विकास चंद्र व कौड़ीराम निवासी हरिकृष्ण के खिलाफ तहरीर दी। प्रभारी निरीक्षक कैंट रवि राय ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
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