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नेपाल में खाद की किल्लत, तेज हुई भारत से तस्करी- तस्‍करों ने सीमा पर बनाए गोदाम

पड़ोसी देश नेपाल में खाद की किल्लत हो गई है। भारतीय खाद नेपाल में दो से तीन गुना अधिक रेट पर बिक रही है। रबी फसलों की बोवाई शुरू होते ही धंधे से जुड़े लोग खाद को सरहद के समीप स्थित अवैध गोदामों में जमा कर दें रहे हैं।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 08:31 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 08:31 PM (IST)
मोटरसाइकिल से नेपाल सीमा में खाद लेकर जाते तस्कर। फाइल फोटो

गोरखपुर, शैलेंद्र त्रिपाठी। पड़ोसी देश नेपाल में खाद की किल्लत हो गई है। भारतीय खाद नेपाल में दो से तीन गुना अधिक रेट पर बिक रही है। रबी फसलों की बोवाई शुरू होते ही धंधे से जुड़े लोग बाइक व बिना नंबर प्लेट की पिकअप वाहनों से भरकर खाद को सरहद के समीप स्थित अवैध गोदामों में जमा कर दें रहे हैं। फिर वहां से कैरियरों के माध्यम से खाद की बोरियों को धीरे-धीरे सरहद पार पहुंचा दिया जाता है। बावजूद इसके अवैध कारोबार को रोकने के लिए तैनात एजेंसियां मामले से अंजान बनी हुईं हैं। निजी दुकानों पर किसानों के लिए आई खाद की एक बड़ी खेप मंहगे दामों पर धंधेबाजों के हवाले कर दी जा रही है।जिसकी वास्तविक जांच परख करने की फुर्सत कृषि विभाग के अधिकारियों के पास नहीं है।

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सीमा से 10 किमी दूर होनी चाहिए खाद की दुकान

सीमावर्ती क्षेत्र में खाद की बढ़ती तस्करी को देखते हुए शासन ने खाद की दुकानों को सीमा से 10 किलोमीटर दूर खोलने का फरमान दिया था। बावजूद इसके अवैध कारोबार को संचालित करने के लिए धंधे से जुड़े लोगों ने सीमा से सटे गांवों में अवैध गोदाम बना रखे हैं। जहां डंप की गई खाद की बोरियों को कैरियरों के माध्यम से सरहद पार पहुंचा दिया जाता है।

यहां हैं खाद निजी लाइसेंसी दुकानें

नौतनवा तहसील क्षेत्र के सीहाभार, नौडिहवा, जिगिना, जमुहानी, गंगापुर, रमगढ़वा, करमहवा आदि स्थानों पर खाद की निजी लाइसेंसी दुकानें हैं। यहां की खाद मंहगे दाम पर भगवानपुर, निपनिया, रेहरा, बेलभार, कनरी चकरार गांव के रास्ते चोरी छुपे नेपाल भेज दी जाती है।

सीमा के इन नाकों से हो रही खाद की तस्करी

सीमा से सटे पिपरा -अशोगवां, कनरी- चकरार, रेहरा- अहिरौली, श्यामकाट के जसवल, भगवानपुर के रघुनाथपुर, मर्यादपुर, खनुआ, हरदी डाली, सुंडी आदि नाकों से चौकसी के बावजूद चोरी छुपे खाद की बोरियों को सीमा पार पहुंचाया जा रहा है।

उर्वरक तस्करों को कारोबार से हो रहा भारी मुनाफा

क्षेत्र में उर्वरक तस्करी से भारी मुनाफा होने के कारण खाद का अवैध कारोबार बदस्तुर जारी है। हाल ही में बरगदवा गांव में प्रशासन द्वारा की गई छापेमारी में नकली डीएपी की बरामदगी से इस बात की पुष्टि होती है। कारोबार से जुड़े लोगों को धंधे से भारी मुनाफा हो रहा है।

सरहद पार पहुंचते ही कीमतों में हो जाता है भारी इजाफा

खाद कारोबारियों को धंधे से भारी मुनाफा हो रहा है। 1200 रुपये सरकारी मूल्य की डीएपी खाद की कीमत सरहद पार पहुंचते ही 2000 रुपये में बेची जा रही है। वहीं 266-50 रुपये की यूरिया खाद सीमा पार 800 रुपये मूल्य पर बेची जा रही है। इस प्रकार सरहद पार पहुंचने से कीमतों में भारी इजाफा हो जा रहा है।

दुकानों पर रखी जा रही है नजर

जिला कृषि अधिकारी वीरेंद्र कुमार सीमा क्षेत्र में खुली खाद के दुकानों की नियमित निगरानी की जा रही है। यहां भेजी गई खाद किन किसानों को दी गई, इसकी भी जांच की जाती है। पुलिस व एसएसबी अधिकारियों के साथ समन्वय बना कर खाद तस्करी रोकी जाएगी।


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