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शिक्षकों की नियुक्ति फर्जीवाड़ा : गोरखपुर में बीएसए के स्टेनो समेत पांच गिरफ्तार Gorakhpur News

शिक्षक भर्ती घोटाले में एसटीएफ ने सिद्धार्थनगर में बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत बीएसए राम सिंह के स्टेनों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 11:33 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 02:33 PM (IST)
शिक्षकों की नियुक्ति फर्जीवाड़ा : गोरखपुर में बीएसए के स्टेनो समेत पांच गिरफ्तार Gorakhpur News
शिक्षकों की नियुक्ति फर्जीवाड़ा : गोरखपुर में बीएसए के स्टेनो समेत पांच गिरफ्तार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर एसटीएफ ने मंगलवार को सिद्धार्थनगर बीएसए के स्टेनों, एक शिक्षक समेत पांच लोगों को गोरखपुर क्लब के पास से गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 2.50 लाख रुपए नगद, स्कॉर्पियो गाड़ी और कई जनप्रतिनिधियों के सादा लेटर पैड मिले। पकड़े गए आरोपित फर्जी दस्तावेज पर नौकरी कर रहे शिक्षकों को ब्लैकमेल कर धनउगाही कर रहे थे। एसटीएफ इंस्पेक्टर ने कैंट थाने में आरोपितों के खिलाफ साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।

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एसटीएफ कर रही है जांच

फर्जी शिक्षक भर्ती मामले की जांच एसटीएफ गोरखपुर कर रही है। यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह को सूचना मिली थी कि बीएसए सिद्धार्थनगर के स्टेनों हरेंद्र सिंह, उसका बाजार के प्राथमिक विद्यालय विभटिया में तैनात शिक्षक सच्चिदानंद पांडेय, प्राथमिक विद्यालय दुर्गजोत में तैनात शिक्षिका प्रतिभा मिश्रा के पति अवधेश के साथ मिलकर गलत तरीके से नौकरी पाने वाले शिक्षकों से धन उगाही कर रहे हैं। बलरामपुर जिले के रतनपुर गौरा निवासी बाबूलाल चौधरी और गोंडा जिले के तरबगंज, जमुथा निवासी चंद्र देव पांडेय के जरिए लेन-देन होता है।

कैंट पुलिस के हवाले हुए सभी आरोपित

एसटीएफ ने जांच की तो पता चला कि हरेंद्र सिंह ने 400 शिक्षकों की लिस्ट बनाई है। आरोप सही मिलने पर मंगलवार की सुबह एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह ने अपने सहयोगी जशवंत सिंह, प्रेमशंकर सिंह, आशुतोष तिवारी, अनूप राय, उमेश, महेंद्र और धनंजय के साथ गोरखपुर क्लब के पास आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद सभी को कैंट पुलिस के हवाले कर दिया गया।

स्टेनों पर है 50 लाख का गबन करने का भी है आरोप

पकड़ा गया स्टेनों हरेंद्र सिंह मूल रूप से बस्ती जिले के हरैया का रहने वाला है। 2013 में श्रावस्ती में तैनाती के दौरान उसने 50 लाख रुपये का गबन किया था। जांच में आरोप सही मिलने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।

जनप्रतिनिधियों के लेटर हेड पर करते थे शिकायत

आरोपितों के कब्जे से बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों के लेटर हेड मिले हैं। वसूली करने के लिए पहले यह लोग लेटर हेड पर गलत तरीके से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षक की शिकायत करते थे। इसके बाद स्टेनों जांच शुरू होने और जेल भेजवाने की धमकी देता था। पकड़े गए शिक्षक सच्चिदानंद पांडेय और शिक्षक पति अवधेश मिश्र बचाने का भरोसा देकर 2 से 3 लाख रुपये वसूलते थे।


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