मार्च तक स्वयं करें मच्छरों से बचाव, नगर निगम अब नहीं करेगा मदद
गोरखपुर शहर में फागिंग कार्य बंद है। यह मार्च तक बंद रहेगा। नगर निगम के कर्मचारी ठंड में फागिंग नहीं करेंगे। यही बात अधिकारी भी कह रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। मच्छरों के डंक से शहरवासी परेशान हैं और नगर निगम बेपरवाह बना हुआ है। बीते दो माह से महानगर के किसी भी वार्ड में मच्छरों से बचाव के लिए फागिंग व छिड़काव नहीं हुआ है।
इस कार्य के लिए नगर निगम के पास आउटसोर्सिग के 70 कर्मचारी थे, जिसे पिछले वर्ष दिसंबर में हटा दिया गया था। फागिंग व छिड़काव न होने से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। खासकर शहर के बाहरी हिस्सों में लोग मच्छरों से परेशान हैं। दूसरी तरफ, नगर निगम के अधिकारियों कहना है कि ठंड में मच्छरों का प्रकोप कम हो जाता है इसलिए मार्च से नियमित फागिंग व छिड़काव होगा।
खर्च में कटौती करने के चक्कर में नगर निगम ने 125 आउट सोर्सिग कर्मचारियों को बाहर कर दिया था। इनमें 70 वे कर्मचारी थे, जिनका कार्य वार्डो में फागिंग व छिड़काव करना था। कर्मचारियों के अभाव में फागिंग का कार्य पूरी तरह ठप हो गया है।
गंदी जगहों पर पैदा हो रहे कीटाणुओं को रोकने के लिए मैलाथियान व चूने को मिक्स करके छिड़काव किया जाता है। इसी तरह गंदे पानी में लार्वा के जन्म लेने की प्रक्रिया रोकने के लिए निगम टेक्नीफाक्सिड लिक्विड का छिड़काव करता है। निगम के पास 70 साइकिल वाली छोटी और चार बड़ी मशीनें हैं। इनमें 38 साइकिल और दो फांगिग मशीन खराब है।
सर्दी में फागिंग की जरूरत नहीं
इस संबंध में नगर निगम के मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अतुल कुमार का कहना है कि फागिंग व छिड़काव के लिए वर्तमान में 15 कर्मचारियों की तैनाती है। इन्ही कर्मचारियों से दो शिफ्ट में कार्य कराया जाता है। सदी के मौसम में फागिंग व छिड़काव की जरूरत कम पड़ती है। मार्च से सभी वार्डो में नियमित फागिंग कराई जाएगी।