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आबकारी विभाग की तरफ से गोद लिए इस गांव में कच्ची दारू बनाने की सभी को छूट, नेपाल तक बिक्री Gorakhpur News

यहां तो हर दुकान पर डिब्बे और लहन के सामान उपलब्ध है। जिम्मेदार लोगों को इधर आने और जानकारी लेने के लिए फुर्सत ही नहीं है। दर असल इस गांव को आबकारी विभाग की तरफ से गोद लिया गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 07:20 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 12:20 PM (IST)
आबकारी विभाग की तरफ से गोद लिए इस गांव में कच्ची दारू बनाने की सभी को छूट, नेपाल तक बिक्री Gorakhpur News
आबकारी विभाग की तरफ से गोद लिए इस गांव में कच्ची दारू बनाने की सभी को छूट, नेपाल तक बिक्री Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले के कोल्हुई थाना अंतर्गत जंगल गुलरिहा गांव के कुल चौदह टोले में से पांच टोलों पर कच्ची शराब का धंधा अपने चरम पर है। यहां खुलेआम कच्‍ची दारू बनाई और बेची जा रही है। इससे आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है। इन टोलों पर रात दिन दुर्गंध आती है। यही नहीं यहां के बच्चे पढ़ने के बजाय कच्ची शराब बनाने के लिए माता पिता की मदद करते हैं। इतना ही नहीं, चौराहे से कच्ची शराब बनाने के काम में आने वाले सामान की खरीदारी करते हैं। यहां तो हर दुकान पर डिब्बे और लहन के सामान उपलब्ध है। जिम्मेदार लोगों को इधर आने और जानकारी लेने के लिए फुर्सत ही नहीं है। दर असल इस गांव को आबकारी विभाग की तरफ से गोद लिया गया है।

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इस गांव से उस टोले तक सिर्फ कच्‍ची शराब का उत्‍पादन

तुलसीपुर, विजयगढ़ , बड़का टोला , मुसहर डीह,  सगरा टोले पर सघन कार्रवाई में हो रही लापरवाही से अवैध शराब निर्माता प्रतिदिन बिना भय बड़े पैमाने पर लहन से शराब तैयार कर रहे हैं। ऐसा लगता है जैसा कि आबकारी विभाग ने इन्‍हें इस कार्य के लिए लाइसेंस दे रखा है।

नेपाल बार्डर तक बिक्री होती है शराब

यहां निर्मित शराब सिर्फ अगल- बगल के गांवों तक ही सीमित नहीं है, अपितु नेपाल बार्डर तक कच्ची शराब बिक्री का कारोबार कर रहें हैं।और बिभिन्न साईज के डिब्बे में मूल्य के अनुसार इलाके तथा सीधे नेपाल को भी सप्लाई होती है। जिसके एजेंट समय पर मोबाइल फोन की सूचना पर पहुंच जाते हैं।

सभी दुकानों पर मिलते हैं मादक पदार्थ

जंगल गुलरिहा गांव के टोला तुलसीपुर के सभी छोटे - बड़े सभी किराना स्टोर्स के अलावा परचून और चाय पान की दर्जनों दुकानों पर महुआ , भेली ,ईस्ट डाई जी पाम, फैंसाड्रील आदि मादक पदार्थ  आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इससे दुकानदार और अवैध कच्ची शराब बनाने वाले दोनों लोगों की चांदी है ।

शिकायत पर नहीं होती सुनवाई

इन गांवों में कच्‍ची शराब बनाने की शिकायत पर कोई सुनवाई तक नहीं होती है, क्‍योंकि यह गांव आबकारी विभाग की तरफ से गाेद लिया गया है। यही कारण है कि शिकायत के बाद आज तक विभाग का न कोई अधिकारी आया और न ही कोई कार्रवाई की गई। अधिकारी भी बयान देकर खामोश हो जाते हैं।

जिला आबकारी अधिकारी को भी जानकारी ऐसा नहीं है कि इस बारे में विभाग को सूचना तक नहीं है, अपितु सभी लोग अच्‍छी तरह से जानते हैं। इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी महराजगंज राकेश कुमार ने बताया कि उन्हें जानकारी है।और विभाग आये दिन छापा मारकर कानूनी कार्रवाई कर रहा है।


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