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हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलता है खैरी शीतल गांव

सिद्धार्थनगर हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलना खैरी शीतल प्रसाद गांव की नियति बन गई है। शोहरतग

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 06:20 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 06:20 AM (IST)
हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलता है खैरी शीतल गांव

सिद्धार्थनगर : हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलना खैरी शीतल प्रसाद गांव की नियति बन गई है। शोहरतगढ़ तहसील के इस गांव की आबादी तीन हजार व करीब चार सौ घर बने हैं। आठ टोले से बने इस ग्राम पंचायत को तीन ओर से नदी व पहाड़ी नालों को घेर रखा है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो, जब यह गांव मैरूंड न घोषित किया गया हो। खरीफ की खेती भगवान के भरोसे करते हैं। थोड़ी सी बारिश होने पर इस गांव के निवासियों की सांस फूलने लगती है। पूरी रात टकटकी लगाए नदी व पहाड़ी नालों के जलस्तर को निहारते रहते हैं।

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खैरी शीतल प्रसाद ग्राम पंचायत में खैरी, शिवदुलारेडीह, नकोलेडीह, पन्नापुर, चिरहगना, मुरव्वनडीह, करौता, टीकर टोले हैं। गांव के दक्षिण ओर बूढ़ी राप्ती बह रही है। वहीं पहाड़ी नाला घोरही उत्तर की ओर से आने के बाद दिशा बदल कर पूर्वी छोर पर बूढ़ी राप्ती जाकर मिलता है। पश्चिम की ओर से बिगऊवा नाला आकर बूढ़ी राप्ती में मिला है। बारिश के दिनों में यह नदी व पहाड़ी नाले उफान पर रहते हैं। वर्ष 2017 में आई बाढ़ ने सबसे अधिक तबाही इसी गांव में मचाई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बाढ़ग्रस्त गांव का दौरा भी किया था। बाढ़ से बचाव के लिए प्रशासन व सिचाई विभाग को परियोजना तैयार करके भेजने के लिए निर्देशित भी किया था, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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बारिश आने से पहले परिवार को सुरक्षित किसी रिश्तेदार के घर पहुंचा देते हैं। बाढ़ आने के समय पुरुष कहीं भी किसी सुरक्षित स्थान पर अपना ठिकाना बना लेते हैं, लेकिन महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बाढ़ से बचाव के लिए अभी तक कुछ नहीं किया गया है।

मुनीजर यादव

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बाढ़ के समय काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। घरों में पानी घुसने के कारण घरेलू सामान खराब हो जाते हैं। छतों पर लोग अपना ठिकाना बनाते हैं। सांप-बिच्छू का हमेशा भय बना रहता है। थोड़ी सी चूक परेशानी में डाल देती है। गांव में अधिकारी तो कई बार आए, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई।

अर्जुन

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नदी व पहाड़ी नाला के दोआबा में बसा यह गांव पहले से ही प्रशासनिक उदासीनता का दंश झेलता आ रहा है। बाढ़ आने व उसके गुजर जाने के कुछ दिनों तक अधिकारियों की आवाजाही बनी रहती है, लेकिन कुछ माह बीतने के बाद सबकुछ पुराने ढर्रे पर आ वापस जाता है।

राम उजागिर

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब बाढ़ के समय गांव में आए थे तो एक आशा की किरण जगी थी। गांव के लोगों को लगा कि अब इस विभीषिका से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण कुछ नहीं हुआ। गांव के लोग भाग्य के भरोसे जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

रघु प्रसाद

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बाढ़ से बचाव से संबंधित मुद्दे को लेकर प्रशासनिक व सिचाई विभाग के अधिकारियों से कई बार मुलाकात की। हर बार आश्वासन मिलता है, लेकिन काम करने की जहमत कोई नहीं उठा रहा है। नदियों की धारा को बांध दिया जाए तो गांव सुरक्षित हो जाएगा।

शिवकुमार

ग्राम प्रधान

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बाढ़ बचाव को लेकर तहसील प्रशासन अलर्ट है। तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बाढ़ चौकी व शरणालय स्थापित किए गए हैं। खैरी शीतल प्रसाद गांव में लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट है। एनडीआएफ टीम ने गांव का दौरा किया है। बाढ़ के समय जलधारा के संबंध में जानकारी प्राप्त की है। लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना प्राथमिकता में शुमार रहेगा।

शिवमूर्ति सिंह

एसडीएम शोहरतगढ़


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