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वाहनों की संख्‍या बढ़ने के बाद भी नगर निगम ने बचा लिए 20 लाख रुपये, जानिए कैसे

रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगाने के परिणाम आने लगे हैं। वाहनों की संख्या बढ़ने के बाद भी नगर निगम हर महीने 20 लाख रुपये से ज्यादा तेल में बचाने लगा है। हर साल 2.40 करोड़ रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त बचत होने से नगर निगम के अफसर उत्साहित हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 14 Aug 2021 01:47 PM (IST)Updated: Sat, 14 Aug 2021 01:47 PM (IST)
वाहनों की संख्‍या बढ़ने के बाद भी नगर निगम ने बचा लिए 20 लाख रुपये, जानिए कैसे
नगर निगम ने तेल के बचा लिए 20 लाख रुपये। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : नगर निगम के वाहनों में सख्ती से रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगाने के परिणाम आने लगे हैं। वाहनों की संख्या बढ़ने के बाद भी नगर निगम हर महीने 20 लाख रुपये से ज्यादा तेल में बचाने लगा है। हर साल 2.40 करोड़ रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त बचत होने से नगर निगम के अफसर उत्साहित हैं।

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वर्तमान में तकरीबन 270 वाहन हैं नगर निगम के पास

नगर निगम में काम्पैक्टर वाहनों को शामिल कर लें तो वर्तमान में तकरीबन 270 वाहन हैं। दो साल पहले वाहनों की संख्या दो सौ के आसपास थी, लेकिन हर महीने तेल का खर्च 80 लाख रुपये से ज्यादा पहुंच गया था। अब आरएफआइडी लगने के बाद तेल का खर्च अचानक कम हो गया है।

पकड़ी गई थी तेल चोरी

तकरीबन दो साल पहले तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आकांक्षा राणा ने नगर निगम में छापा मारा था। उन्होंने एक चालक को तेल चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। तब जांच में पता चला था कि पेट्रोल पंप कर्मियों की मिलीभगत से ज्यादातर वाहनों में निर्धारित मात्रा से कम तेल डलवाया जाता था, लेकिन पर्ची पूरी मात्रा की बनाई जाती थी। पंप कर्मी इसके एवज में चालकों को रुपये देते थे। जब छापा पड़ा था तो तेल का खर्च 80 लाख रुपये प्रति माह से ज्यादा हो गया था। छापा पड़ने के अगले महीने तेल का खर्च घटकर तकरीबन 40 लाख हो गया था।

आरएफआइडी नहीं तो वेतन नहीं

बार-बार निर्देश के बाद भी कई वाहनों में आरएफआइडी नहीं लग रही थी तो नगर आयुक्त ने बिना आरएफआइडी वाले वाहनों के चालकों का वेतन रोकने को कहा। इसके बाद डिवाइस लगाई गई।

दोगुना जमा हुआ कर

नगर निगम प्रशासन गृह, जल व सीवर कर के मद में सालाना तकरीबन 22 करोड़ रुपये जमा कराता है। कर विभाग को पूरे साल में वसूली के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। नगर आयुक्त ने लगातार कर विभाग की समीक्षा कर वसूली को बढ़ा दिया है। आठ अप्रैल से शुरू हुए नगर निगम के नए वित्तीय वर्ष में चार महीने में अब तक 10.78 करोड़ रुपये का कर जमा हो चुका है। पिछले साल चार महीने में 5.15 करोड़ रुपये ही जमा कराए जा सके थे।

आरएफआइडी लगाने से काफी फायदा मिल रहा नगर निगम को

नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि आरएफआइडी लगाने का नगर निगम को काफी फायदा मिल रहा है। हर महीने 20 लाख रुपये से ज्यादा की बचत होने लगी है। यह स्थिति तब है, जब वाहनों की संख्या बढ़ी है और कूड़ा जल्द निस्तारित करने के लिए वाहन कई चक्कर लगा रहे हैं। कर विभाग से जुड़े अफसरों व जिम्मेदारों की मेहनत भी रंग ला रही है। पिछले साल की तुलना में दोगुना कर वसूली की जा चुकी है।


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