गीडा की अधिग्रहीत जमीन किसान से खरीदी और लगा ली प्लाईवुड की फैक्ट्री Gorakhpur News
गीडा की अधिग्रहीत भूमि पर बिना अनुमति फैक्ट्री लगाने विरुद्ध 15 दिन के अंदर निर्माण को ध्वस्त कराकर सूचित करने की बात कही गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की ओर से एक फैक्ट्री मालिक को नोटिस भेजकर 15 दिन में फैक्ट्री ध्वस्त करने को कहा गया है। प्राधिकरण के अनुसार उद्यमी ने गीडा की अधिग्रहित जमीन को किसान से खरीदकर बिना अनुमति के इकाई लगाई है। फैक्ट्री मालिक ने इस संबंध में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।
फैक्ट्री को ध्वस्त करने का नोटिस
गीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अशोक कुमार सिंह की ओर से फैक्ट्री मालिक जमालुद्दीन अहमद को जारी नोटिस में कहा गया है कि कालेसर के पास जिस 90 डिसमिल जमीन पर फैक्ट्री संचालित हो रही है, उस जमीन का अधिग्रहण गीडा ने किया है। इस पर किसी प्रकार का निर्माण अवैध है क्योंकि इसका आवंटन गीडा द्वारा नहीं किया गया है। न ही गीडा से उद्योग लगाने की अनुमति ली गई है। 10 जून को जारी नोटिस में 15 दिन के अंदर निर्माण को ध्वस्त कराकर सूचित करने की बात कही गई है। पिछले साल 21 अगस्त को भी फैक्ट्री को नोटिस जारी किया गया था।
अब निर्धारित शुल्क भुगतान करने को कह रहा फैक्ट्री मालिक
फैक्ट्री के मालिक जमालुद्दीन अहमद का कहना है कि कुछ दूरी पर उनकी काफी पहले से फैक्ट्री थी। जगह छोटी होने से वह विस्तार नहीं कर पा रहे थे। जिसके बाद उन्होंने एक किसान से जमीन खरीदी। किसान ने बताया था कि जमीन गीडा के अधिग्रहण क्षेत्र से बाहर है। उद्योग विभाग की औपचारिकता के बाद बैंक से ऋण भी मिला है। उन्होंने कहा कि गीडा की तरफ से फैक्ट्री को नियमित करने के लिए जो शुल्क निर्धारित किया जाएगा, उसका भुगतान कर देंगे। इस संबंध में गीडा के सीईओ संजीव रंजन का कहना है कि गीडा की अधिग्रहित जमीन खरीदना गलत है। इसलिए नोटिस दिया गया है। यह बात संचालक की ओर से उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई गई है। वहां से जो दिशा निर्देश मिलेगा, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर खुद जमीन खरीदेगा गीडा
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) भी नोएडा (न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण), ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी की तरह किसानों से जमीन अधिग्रहित कर सकेगा। इस संबंध में गीडा के प्रस्ताव पर उद्योग मंत्री ने सहमति दे दी है। सीईओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी जमीन का मूल्य तय कर किसानों से बात करेगी और सीधे जमीन खरीद सकेगी। अभी तक जमीन अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन का सहयोग लेना पड़ता है। वर्तमान समय में गीडा में जमीन खरीद के लिए डीएम, एसडीएम और तहसीलदार अधिकृत हैं। इस व्यवस्था में भी खरीद आसानी से हो जाती है। पर, अन्य प्राधिकरणों की व्यवस्था को तकनीकी रूप से इससे बेहतर माना गया है। गीडा के सीईओ संजीव रंजन ने बताया कि इस संबंध में भेजे प्रस्ताव पर मंत्री की सहमति मिलने के बाद शासन से भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।