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गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा आज, 6000 सीटों के होंगी परीक्षाएं

दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्नातक व परास्नातक प्रवेश परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा कर्नाटक पश्चिम बंगाल ओडिशा झारखंड बिहार व पूर्वोत्त्तर के कुछ राज्यों के अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया है। ऐसे आवेदकों की संख्या 150 से अधिक है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 07:30 AM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा आज, 6000 सीटों के होंगी परीक्षाएं
दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के मुख्‍य गेट की फाठल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्नातक और परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए 14 अक्टूबर से होने वाली परीक्षा की तैयारी विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरी कर ली है। 6000 सीटों के सापेक्ष 50627 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। सभी परीक्षा केंद्रों के लिए आब्जर्वर नामित कर दिए गए हैं। गेट पर निगरानी के लिए केंद्रीय टीम बनाई गई है।

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प्रश्नपत्र और ओएमआर की कार्बन कापी अभ्यर्थी घर ले जा सकेंगे

सकुशल परीक्षा संपन्न कराने के संबंध में स्नातक प्रवेश के समन्वयक प्रो. राजवंत राव और परास्नातक के समन्वयक प्रो. विजय कुमार ने परीक्षा केंद्र प्रभारियों के साथ बैठक की। प्रो. राव ने बताया कि सभी प्रश्नपत्र आब्जर्वर के सामने ही खोले जाएंगे। ओएमआर की मूल कापी जमा करनी होगी। प्रश्नपत्र और ओएमआर की कार्बन कापी अभ्यर्थी घर ले जा सकेंगे। दोनों समन्वयकों ने कोविड प्रोटोकाल को लेकर केंद्र प्रभारियों को आगाह किया। समन्वयकों ने सोमवार की देर शाम केंद्र प्रभारियों को परीक्षा सामग्री भी सौंप दी।

आवेदन फार्म भरने का अंतिम मौका भी मिला

जिन अभ्यर्थियों ने आनलाइन शुल्क जमा कर दिया है और किसी तकनीकी वजह से आवेदन फार्म जमा नहीं कर पाए हैं, उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंगलवार को एक और मौका दिया। ताकि वह फार्म जमा कर सकें और प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकें।

देश भर के अभ्यर्थियों ने  किए हैं आवेदन

दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्नातक व परास्नातक प्रवेश परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार व पूर्वोत्त्तर के कुछ राज्यों के अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक ऐसे आवेदकों की संख्या 150 से अधिक है। नेपाल के भी कुछ अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। पीएचडी के लिए 75 फीसद अभ्यर्थी दूसरे राज्यों के ही है। इसे नए कुलपति राजेश कुमार सिंह की सफलता के रूप में देखा जा रहा है। उनके मार्गदर्शन में पहली बार विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा का प्रचार-प्रसार अन्य राज्यों में भी किया गया है।


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