Move to Jagran APP

गोरखपुर में टीबी से ग्रसित बच्चों की सेहत का ख्याल रखेगा इंजीनियरिंग विश्‍वविद्यालय

डिप्टी रजिस्ट्रार देवेंद्र का कहना है कि संवाद कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की तबीयत की अद्यतन जानकारी हासिल की जाएगी और इलाज को लेकर उनकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। संवाद के बाद विश्वविद्यालय टीबी ग्रसित बच्चों के निरंतर संपर्क रहेगा।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 04:29 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 06:25 PM (IST)
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने टीबी से ग्रसित बच्चों की चिंता की है। विश्वविद्यालय ने उनकी सेहत और खानपान की दुरूस्तगी सुनिश्चित करने की योजना बनाई है। इसे लेकर उनकी समस्या से अवगत होने के लिए परिसर में 23 जुलाई को एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन में आमंत्रित करने के लिए बच्चों की सूची तैयार कर ली गई है। एक-एक कर आमंत्रित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

loksabha election banner

डिप्‍टी रजिस्‍ट्रार को सौंपी गई जिम्‍मेदारी

प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इस वर्ष के दीक्षा समारोह में कुलाधिपति के तौर पर हिस्सा लेने के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय प्रशासन को टीबी से पीडि़त बच्चों की चिंता करने की सलाह दी थी। उनकी सलाह को कुलपति ने निर्देश के तौर पर लिया और तत्काल इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। इसे लेकर तैयार होने वाली योजना का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से हो सके, कुलपति ने एक समिति का गठन करके उसके समन्वयक की जिम्मेदारी डिप्टी रजिस्ट्रार देवेंद्र गोस्वामी को सौंप दी। विश्वविद्यालय के चिकित्सक को समन्वयक के चिकित्सीय सहयोग के लिए लगाया। समिति ने जिला प्रशासन से जिले के टीबी ग्रसित बच्चों की सूची मांगी तो उन्हें तत्काल 50 बच्चों की सूची उपलब्ध करा दी गई। इनमें से 30 बच्चों और उनके अभिभावकों से फोन से संपर्क साधने में विश्वविद्यालय सफल हो गया है। अब उनकी सेहत और इलाज में आ रही दिक्कत को जानने के लिए संवाद कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।

बच्चों से नियमित संपर्क में रहेगा विवि

डिप्टी रजिस्ट्रार देवेंद्र का कहना है कि संवाद कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की तबीयत की अद्यतन जानकारी हासिल की जाएगी और इलाज को लेकर उनकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। संवाद के बाद विश्वविद्यालय टीबी ग्रसित बच्चों के निरंतर संपर्क रहेगा। आवश्यकता पडऩे पर दवा से लेकर डाक्टरी सलाह का भी इंतजाम करेगा। इलाज के दौरान जरूरत पडऩे पर गरीब बच्चों के लिए पौस्टिक आहार का इंतजाम किया जाएगा। बीमारी को लेकर मानसिक रूप से परेशान बच्चों की काउंसलिंग भी विवि कराएगा। इस योजना से विवि ने विद्यार्थियों को भी जोड़ा जाएगा।

50 बच्‍चों की सेहत का ख्‍याल रखने की योजना

एमएमएमयूटी कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि विश्वविद्यालय ने फिलहाल टीबी से ग्रसित कुल 50 बच्चों की सेहत का ख्याल रखने की योजना बनाई है। इसके लिए 30 बच्चों से संपर्क किया जा चुका है। जल्द ही 20 अन्य बच्चों को भी चिन्हित कर लिया जाएगा। बच्चों के पूरी तरह ठीक होने तक विश्वविद्यालय उनके संपर्क में रहेगा। स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करके उनके इलाज में कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.