एमएमएमयूटी में अब 75 फीसद से कम हाजिरी पर भी दे सकेंगे परीक्षा, जानें-क्या हुई है नई व्यवस्था Gorakhpur News
नियमों में बदलाव के बाबत पिछले दिनों हुई शैक्षणिक क्रियाकलाप समिति की बैठक में मंजूरी मिली। बदलाव को बीटेक एमटेक एमबीए और एमसीए पाठ्यक्रमों के अध्यादेश में शामिल कर लिया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की उपस्थिति से जुड़े नियमों को शिथिल किया है। लेक्चर, ट्यूटोरियल और प्रैक्टिकल में अगर विद्यार्थी की कुल हाजिरी 75 फीसद नहीं भी है तो भी वह मेजर सेमेस्टर परीक्षाएं दे सकेगा।
अब विषयवार प्रभावी
अब तक जहां 75 फीसद अनिवार्य उपस्थिति की गणना ओवरऑल होती थी, वहीं नए नियमों के अनुसार अब यह विषयवार प्रभावी होगा। जिन विषयों के लेक्चर, ट्यूटोरियल और प्रैक्टिकल में उपस्थिति 75 फीसद से कम होगी, केवल उसी विषय की परीक्षा से छात्र वंचित होगा। इसकी परीक्षा आगामी अकादमिक सत्र के सेमेस्टर अथवा समर टर्म में देना होगा। इसके एवज में छात्र को संबंधित विषय में 'यूÓ ग्रेड अवार्ड होगा। जिन विषयों में उपस्थिति 75 फीसद से अधिक होगी, उसकी परीक्षा उसी सेमेस्टर या समर टर्म में दे सकेगा।
यह अधिक व्यवहारिक और छात्रोपयागी
नियमों में बदलाव के बाबत पिछले दिनों हुई शैक्षणिक क्रियाकलाप समिति की बैठक में मंजूरी मिली। बदलाव को बीटेक, एमटेक, एमबीए और एमसीए पाठ्यक्रमों के अध्यादेश में शामिल कर लिया गया है। नियमों में यह परिवर्तन चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम की मूल भावना के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य पठन-पाठन को छात्रोपयोगी और अधिक से अधिक व्यावहारिक बनाया जाना है।