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यहां मलिन बस्तियों में शिक्षा की लौ जला रहे इंजीनियरिंग के छात्र Gorakhpur News

MMMUT के कुछ पुरातन छात्रों ने गोरखपुर क्षेत्र की मलिन बस्तियों में शिक्षा की लौ जलाने की मुहिम छेड़ रखी है। अपनी अक्षर मुहिम के तहत ये छात्र बस्ती के बच्‍चों को बुनियादी शिक्षा देकर विद्यालय तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 12:40 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 12:40 PM (IST)
यहां मलिन बस्तियों में शिक्षा की लौ जला रहे इंजीनियरिंग के छात्र Gorakhpur News
गोरखपुर का मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय। - फाइल फोटो

गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुछ पुरातन छात्रों ने मलिन बस्तियों में शिक्षा की लौ जलाने की मुहिम छेड़ रखी है। अपनी 'अक्षर' मुहिम के तहत ये छात्र बस्ती के बच्‍चों को बुनियादी शिक्षा देकर विद्यालय तक पहुंचाने का कार्य तो कर रहे हैं, स्कूली शिक्षा के दौरान उन्हें शैक्षिक संसाधन भी उपलब्ध करा रहे। उनके प्रेरणादायी प्रयास के परिणाम की बानगी यह है अबतक देवरिया व गोरखपुर की मलिन बस्तियों के 87 ब'चे स्कूली शिक्षा की राह पकड़ चुके हैं।

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देवरिया और गोरखपुर की मलिन बस्तियों के 87 बच्‍चों को दिखा चुके हैं स्कूल की राह

टीम की अगुवाई कर रहे पुरातन छात्र गौरव शर्मा बताते हैं कि वह और उनके मित्रों को इस कार्य की प्रेरणा तब मिली, जब वह एमटेक की पढ़ाई के दौरान घर से आने और लौटने के समय मलिन बस्ती के बच्‍चों को स्कूल के समय में सड़क पर घूमते देखते थे। जब उन्होंने बच्‍चों से बात की तो पता चला कि कई ने तो स्कूल का मुंह तक नहीं देखा है। कुछ स्कूल गए भी तो सिलसिला चंद दिनों में ही टूट गया। फिर तो वह और उनके साथियों ने 'मदद सेवा संस्थान' नाम की संस्था बनाकर बच्‍चों को स्कूल पहुंचाने की एक योजना बनाई और जुट गए अपनी मुहिम में। नौ जुलाई 2018 को देवरिया (डीएम बंग्ला के पीछे) और 11 जुलाई को गोरखपुर (मोहद्दीपुर) की एक-एक मलिन बस्ती को गोद लेकर वहां के छात्रों को प्रतिदिन दो घंटे पढ़ाना और स्कूल जाने के लिए प्रेरित करना शुरू किया। कुछ महीनों में ही प्रयास रंग लाने लगा और बच्‍चों की पढ़ाई में रुचि जगने लगी। जैसे-जैसे रुचि जगती गई बच्‍चों को पास के स्कूल में दाखिला दिलाने का सिलसिला बढ़ता गया। आज स्थिति यह है कि उनके प्रयास से देवरिया के 57 और गोरखपुर के 30 बच्‍चे स्कूल पहुंचकर पढ़ाई की मुख्य धारा में शामिल हो चुके हैं। ज्यादातर बच्‍चों का दाखिला परिषदीय स्कूलों में हुआ है।

'अक्षर' मुहिम के तहत स्कूल में दाखिले के साथ उपलब्ध करा रहे शैक्षिक संसाधन

गोरखपुर के तीन बच्‍चों को पब्लिक स्कूल की राह दिखाने में भी सफलता मिल है। पुरातन छात्रों की 'अक्षर' मुहिम आज भी निर्बाध जारी है। गोरखपुर में गौरव के साथ मनीष यादव, नवनीत यादव, प्रवीण पटेल, महर्षि यादव, उत्कर्ष ठाकुर, विवेक मिश्रा, अभिषेक सिंह, शुभम श्रीवास्तव, राहुल ङ्क्षसह और ईश्वर ठाकुर ने मुहिम की कमान संभाल रखी है तो देवरिया में मनीष मिश्रा, अमृतराज वर्मा, आशीष चैहान, सुजीत विश्वकर्मा, जयप्रकाश जायसवाल, अश्वनी सिंह, अनीश चैधरी, अंकित गुप्ता, विशाल जायसवाल अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।

अभिभावकों को भी कर रहे जागरूक

एमएमएमयूटी के पुरातन छात्र ब'चों को स्कूल पहुंचाकर ही अपने  कार्य की इतिश्री नहीं समझ रहे बल्कि वह उन बच्‍चों के माता-पिता को भी शिक्षा, स्व'छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इसके पीछे उनकी मंशा ब'चों को फिर से पुरानी स्थिति में न आने  देना है।

बच्‍चों के साथ मनाते हैं पर्व

मलिन बस्ती के बच्‍चे धार्मिक और राष्ट्रीय पर्व के महत्व को समझ सके, इसके लिए पुरातन छात्र सभी पर्वों पर बच्‍चों के बीच जरूर जाते हैं। उनके साथ पर्व मनाते हैं और उसकी खूबियां भी बताते हैं। महापुरुषों की जयंती पर बच्‍चों को उनके बारे में जानकारी देने के साथ-साथ व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की सीख देते हैं। 


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