Coronavirus: खाली समय में इंजीनियरिंग छात्र ने बनाई सस्ती सैनिटाइजिंग टनल Gorakhpur News
मुदित लॉकडाउन के दौरान घर में खाली बैठे-बैठे ऊब गए तो उन्होंने कोरोना से जंग में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने की सोची। कम दाम में उन्हें सैनिटाइजिंग टनल बनाने में सफलता मिल गई।
गोरखपुर, जेएनएन। कलिंगा विश्वविद्यालय, उड़ीसा से मेकेनिकल इंजीनियरिंग ट्रेड से बी-टेक कर रहे बशारतपुर के मुदित मित्तल ने लॉकडाउन के दौरान मिले वक्त में अपनी तकनीकी क्षमता का इस्तेमाल करते हुए सैनिटाइजिंग टनल बनाया है। बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र मुदित का दावा है कि उनके द्वारा बनाए टनल की लागत बाजार से आधी है। ऐसे में सस्ता होने की वजह से हर इच्छुक व्यक्ति इसे अपने घर में भी लगा सकते हैं
घर में खाली बैठकर ऊब गए, तब तैयार की मशीन
मुदित लॉकडाउन के दौरान जब वह घर में खाली बैठे-बैठे ऊब गए तो उन्होंने कोरोना से जंग में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने की सोची। पहले तो उन्होंने हैंड सैनिटाइजिंग डिस्पेंसर जैसी छोटी मशीनें बनाईं लेकिन अंत में उन्हें कम दाम में एक ऐसा सैनिटाइजिंग टनल बनाने में सफलता मिल गई, जिससे गुजर कर कोई भी व्यक्ति अपने-आप सैनिटाइज हो जाए। इस ऑटोमेटिक सैनिटाइजिंग टनल को बनाने में उन्हें महज तीन दिन लगे।
इस तरह से काम करेगा सैनिटाइजिंग टनल
टनल में एक सेंसर लगा है, जो प्रवेश की आहट से ही व्यक्ति को सैनिटाइज करना शुरू कर देगा। टनल से छिड़काव का सिलसिला करीब छह सेकेंड चलेगा। इस दौरान व्यक्ति पूरी तरह सैनिटाइज हो जाएगा। कम दाम में टनल बनाने पर जोर देने के सवाल पर मुदित ने बताया कि सस्ता होने की वजह से उनके बनाए टनल को लोग अपने घरों में भी लगवा सकेंगे। मुदित के अनुसार उनके सैनिटाइजर टनल की लागत महज 22 हजार रुपये है।
सुरक्षित है टनल में इस्तेमाल होने वाला सैनिटाइजर
मुदित बताते हैं कि टनल में जिस सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया गया है वह काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) के मानक के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि टनल में इस्तेमाल होने वाले सैनिटाइजर में वह 0.02 से 0.05 की घनत्व वाला सोडियम हाइपो क्लोराइड इस्तेमाल कर रहे है, जो पूरी तरह सुरक्षित है।