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ई-पास मशीन से जमा होगा बिजली बिल, गांवों में लगेगा कैंप Gorakhpur News

लाइनलास कम करने और राजस्व बढ़ाने के लिए विभाग एक हजार से अधिक आबादी वाले हर गांव में कैंप लगाएगा। यहां ई-पास मशीन से बिजली बिल भुगतान के लिए प्रेरित किया जाएगा। मंडल के तीनों जिलों में करीब 1788 गांवों का चयन किया गया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 04:00 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 04:00 AM (IST)
ई-पास मशीन से जमा होगा बिजली बिल, गांवों में लगेगा कैंप    Gorakhpur News
बिजली विभाग से संबंधित प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर। लाइनलास कम करने और राजस्व बढ़ाने के लिए विभाग हर तौर-तरीका अपना रहा है। एक हजार से अधिक आबादी वाले हर गांव में विभाग कैंप लगाएगा। यहां ई-पास मशीन से बिजली बिल भुगतान के लिए प्रेरित किया जाएगा। मंडल के तीनों जिलों में करीब 1788 गांवों का चयन किया गया है। जहां ग्रामीणों का बिल ठीक करने व भुगतान के लिए कैंप लगाए जाएंगे। इसके साथ ही कैंप में बकाएदारों का कनेक्शन काटने व बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में हर महीने करीब 10 फीसद का राजस्व प्राप्त हो रहा है। उपभोक्ताओं से हर माह बिल जमा करने के लिए गांव-गांव कैंप लगाया जाएगा। कैंप में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रयोग की जाने वाली ई-पॉस मशीनों से बिल जमा कराया जाएगा। इसके लिए कोटेेदारों से सहयोग मांगा गया है। ई-पॉस मशीन से बिल जमा कराने पर कोटेदारों को कमीशन भी दिया जाएगा। बता दें कि बिजली चोरों के कारण विभाग को काफी नुकसान हो रहा है। विभाग बिजली चोरों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।

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बिल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कैंप का आयोजन

विद्युत वितरण मंडल बस्ती में 658, संतकबीरनगर में 460 व सिद्धार्थनगर में 670 गांवों को चिन्हित किया गया है। जहां निगम कैंप का आयोजन करेगा। बस्ती मंडल के मुख्य अभियंता विद्युत वितरण आलोक रंजन सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को जागरूक करने और ई-पॉस मशीन से बिल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कैंप का आयोजन किया जाएगा। इस बारे में मंडल के तीनों जिलों के बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। 

ई-पास मशीन के कम प्रयोग पर विभाग चिंतित

कोटेदारों के यहां संचालित ई-पास मशीन से बिजली बिल जमा कराए जाने की प्रगति कम होने पर विभाग चिंतित है। प्रगति में सुधार के लिए कैंप का सहारा लिया जा रहा है। इसकी निगरानी खुद मुख्य अभियंता करेंगे।


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