पीएम मोदी लोकार्पण के बाद इस रूट पर चलने वाली हैं इलेक्ट्रिक ट्रेनें
प्रधानमंत्री लोकार्पण के बाद गोरखपुर-नरकटियागंज रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाने की कवायद तेज हो गई है। अप्रैल से इलेक्ट्रिक इंजनों से गाडिय़ां फर्राटा भरनी शुरू कर देंगी।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकार्पण के बाद रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर-नरकटियागंज रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाने की कवायद तेज कर दी है। अप्रैल में कभी भी इलेक्ट्रिक इंजनों से गाडिय़ां फर्राटा भरनी शुरू कर देंगी।
पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर लगभग 100 किमी सिंगल रेलमार्ग का विद्युतीकरण पिछले वर्ष ही पूरा हो गया। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) गोरखपुर कैंट से पनियहवा तक विद्युतीकृत मार्ग का परीक्षण कर हरी झंडी भी दे चुके हैं। लेकिन वाल्मीकिनगर से आगे पूर्व मध्य रेलवे में पडऩे वाले नरकटियागंज-बेतिया रूट पर विद्युतीकरण का कार्य पूरा नहीं हो सका है। जानकारों का कहना है कि यहां विद्युतीकरण का कार्य अंतिम चरण में है, जो 31 मार्च तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद इलेक्ट्रिक इंजन से गाडिय़ां नरकटियागंज होते हुए मुजफ्फरपुर तक चलने लगेंगी। इसके साथ ही यह एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में तैयार हो जाएगा।
इन रेलमार्गों का भी होगा विद्युतीकरण
- गोरखपुर-आनंदनगर-गोंडा और आनंदनगर-नौतनवां (261 किमी)
- गोंडा-बहराइच रेलमार्ग (59.84 किमी)
- हथुआ-बथुआ बाजार-भटनी नई लाइन (79.6किमी)
- दुरौंधा-महराजगंज-मशरख रेलमार्ग (41.53 किमी)
- पनियहवां-छितौनी-तमकुही रोड(67.69 किमी)
- सलेमपुर-बरहज बाजार (20.25 किमी)
- मुरादाबाद-काशीपुर-रामनगर-रामपुर-लालकुआं-काठगोदाम (309 किमी)
- शाहजहांपुर-पीलीभीत-टनकपुर (145.46 किमी)
- मंधाना जंक्शन-ब्रह्मावर्त (8 किमी)
इन रूटों पर मिल चुकी है स्वीकृति
इलाहाबाद-औंडि़हार-भटनी के अलावा मथुरा-कासगंज-फर्रूखाबाद-कानपुर अनवरगंज, मऊ-शाहगंज, औडि़हार-जौनपुर, औडि़हार-छपरा तथा इंदारा-फेफना रेल खंड पर विद्युतीकरण के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने कहा कि सभी बड़ी लाइनों के विद्युतीकरण की स्वीकृत मिल चुकी है। लगभग 800 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण पूरा है। निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है।