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इलाज से वंचित न रहें बुजुर्ग, घर-घर पहुंच रहीं डा. किरन

कुशीनगर के हाटा आयुर्वेदिक अस्पताल में तैनात चिकित्सक ओपीडी बंद होने के बाद भी चिकित्सालय में मरीजों का करती हैं इलाज जरूरतमंद मरीजों की हर संभव करती हैं मदद भूखे न रह जाएं बुजुर्ग इसलिए उनके बारे में जानकारी हासिल कर घर तक पहुंचाती हैं टिफिन।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 04:00 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 04:00 AM (IST)
इलाज से वंचित न रहें बुजुर्ग, घर-घर पहुंच रहीं डा. किरन
इलाज से वंचित न रहें बुजुर्ग, घर-घर पहुंच रहीं डा. किरन

कुशीनगर : वैसे तो डाक्टरों का कर्तव्य है कि वे अपने मरीजों का पूरे मनोयोग से इलाज कर उन्हें स्वस्थ करें, लेकिन वे यह कार्य अपने अस्पताल, संस्थान में करते हैं। कुछ डाक्टर ऐसे भी हैं जो कोरोना काल में भी सड़क पर निकलकर मरीजों को उनके घर से ले जाकर अस्पताल में इलाज कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं।

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ऐसी ही हैं डाक्टर किरन। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय हाटा में तैनात डा. किरन को जैसे ही पता चलता है कि कोई बुजुर्ग बीमार है और उसे अस्पताल ले जाने में परेशानी आ रही है, तो वे स्वयं अपनी कार लेकर उस बुजुर्ग के घर पहुंच जाती हैं। अपनी कार से चिकित्सालय ले जाती हैं और जांच के बाद औषधि तथा जरूरत का सामान अपने रुपये से मुहैया कराती हैं। उनका कहना है कि बुजुर्ग जब ठीक हो जाते हैं तो मुझे आत्मिक खुशी होती है। डा. किरन ने पिछले साल कोरोना महामारी में लाकडाउन के दौरान 20 से अधिक बुजुर्गों को अपनी जान की परवाह किए बिना कार से अस्पताल पहुंचाया था। इस साल भी बीते चार दिनों में 10 से अधिक बुजुर्गों को घर से अस्पताल पहुंचाकर चिकित्सा उपलब्ध करवा चुकीं हैं।

अकेले रह रहे बुजुर्गो की सहायक

जिन बुजुर्गों के बच्चे दूसरे शहर में रहकर नौकरी कर रहे हों, या जो बुजुर्ग असहाय हों, जिनके कोई रिश्तेदार वक्त पर न पहुंचते हों, ऐसे बुजुर्गों को चिकित्सा उपलब्ध करवाकर उन्हें टिफिन में भोजन भी देने की सेवा कर रहीं हैं। किसी को दवाई, इंजेक्शन की जरूरत हो तो उसे भी वक्त पर पहुंचाना अपना फर्ज समझती हैं।

बच्चों को दे रहीं सेवा की सीख

डा. किरन के दो बच्चे हैं और दोनों पढ़ाई कर रहे हैं। घर के दायित्वों को पूरा कर वह अपने सेवा मिशन पर निकल पड़ती हैं। जैसे ही किसी का फोन आता है, अथवा किसी से जानकारी होती है तो सहायता पहुंचाने में जुट जातीं हैं। कहतीं हैं कि इससे बच्चों को भी सेवाभाव की सीख मिल रही है। कोरोना काल में जब हर कोई संकट में हैं तो ऐसे समय में जितना हो सके लोगों की मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।


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