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गोरखपुर शहर की सड़कों पर आठ सौ सांड, घूमते हैं मौत बनकर

गोरखपुर शहर में आठ सौ सांड़ हैं। सड़कों पर यह खुलेआम घूमते हैं। रोज किसी न किसी को अपनी सींग से मारकर घायल कर दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:25 AM (IST)
गोरखपुर शहर की सड़कों पर आठ सौ सांड, घूमते हैं मौत बनकर
गोरखपुर शहर की सड़कों पर आठ सौ सांड, घूमते हैं मौत बनकर

गोरखपुर, जेएनएन। गुरुवार की रात काम खत्म कर जब मैं आफिस से घर के लिए निकला तो दिमाग में सांड़ के हमले से महिला की मौत की घटना लगातार कौंध रहीं थी। हरिओम नगर तिराहा पर कुत्तों के झुंड के साथ दो सांड़ सड़क के बीचों-बीच बैठे थे। फिराक चौराहा से हरिहर प्रसाद दुबे मार्ग होते हुए आजाद चौक तक करीब 15 सांड़ों से सामना हुआ। मैं बहुत संभल कर चल रहा था। हर पल यही डर सता रहा था कि कोई सांड़ हमलावर न हो जाए। यह तो सिर्फ एक मार्ग की स्थिति हैं, जिसे मैं रोजाना देखता हूं। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर के अन्य इलाकों की क्या स्थिति होगी। खुद नगर निगम भी मानता है कि आठ सौ सांड़ खुली सड़कों पर मौत बनकर घूम रहे हैं। सवाल यह खड़ा होता है कि फिर नगर निगम इनका कोई उपाय क्यों नहीं करता। क्या निगम को अभी कुछ और मौतों का इंतजार है?

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दो साल में पांच लोगों की मौत

बीते दो साल में सांड़ के हमले में पांच लोगों की जान जा चुकी है, जबकि घायलों की संख्या सैकड़ों में है। इस तरह की घटनाएं लगातार होने के बावजूद नगर निगम सबक नहीं ले रहा है। यही हाल रहा तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।

तीन अप्रैल को सांड़ ने घोसीपुर स्थित एक घर में घुसकर मां-बेटियों पर हमला कर दिया, जिससे तीनों जख्मी हो गई। 12 अप्रैल को एक सांड़ ने साहबगंज मंडी में न सिर्फ उत्पात मचाया बल्कि दो व्यापारियों को भी घायल कर दिया। गुरुवार को सांड़ के हमले में घायल महिला की मौत हो गई।

इतने हादसे होने के बाद भी नगर निगम सबक सीखने का तैयार नहीं है। शहर की शायद ही कोई ऐसी सड़क या गली होगी जहा सांड़ नजर न आते हों। अनुमान के मुताबिक शहर में चार हजार बेसहारा पशु हैं जिनमें सांड़ों की संख्या तकरीबन आठ सौ है। निगम प्रशासन की ओर से बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए प्रभावी कदम न उठाने पर महापौर सीताराम जायसवाल भी सवाल उठा चुके हैं।

निगम का दावा, रोज पकड़ते हैं पशु

नगर निगम प्रशासन का दावा है कि बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए प्रतिदिन अभियान चलाया जाता है। औसतन 20 पशुओं को रोज पकड़ा जाता है। पशु मालिकों से 1.84 लाख रुपये जुर्माना वसूल किया गया है, लेकिन सड़कों पर घूम रहे बेहिसाब पशु निगम के दावों की हकीकत बयां कर रहे हैं।

नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह के मुताबिक बीते छह माह में करीब 1800 पशुओं को निचलौल के मधवलिया गो-सदन भेजा जा चुका है। पशुओं को पकड़ने के लिए तीन टीमें लगाई गई हैं।

क्या कहते हैं शहर के लोग

इलाहीबाग निवासी शरफुर्रहमान उर्फ प्रिंस का कहना है कि अगर सड़क पर सांड़ दिख जाता है तो महिलाओं और बच्चों को घर से निकलने नहीं देते। मोहल्ले में सांड़ कई लोगों को जख्मी कर चुका है। घोसीपुर निवासी रहमतुल्लाह का कहना है कि सांड़ के घर में घुसने की घटना जिदंगी भर नहीं भूल सकते। सांड़ ने पत्‍‌नी व दो बच्चियों को जख्मी कर दिया। समय पर पड़ोसी मदद को नहीं आते तो जान भी जा सकती थी। मिर्जापुर निवासी शिव कुमार गुप्ता का कहना है कि साहबगंज और मिर्जापुर क्षेत्र में सांड़ों का सबसे ज्यादा आतंक है। मिर्जापुर चौराहे पर सांड़ ने पटक दिया था, जिससे काफी चोटें आई थीं। साहबगंज निवासी लक्ष्मीकांत त्रिपाठी का कहना है कि सड़क पर सांड़ों का उत्पात बढ़ता जा रहा है। अक्सर दुकानों में घुस जाते हैं। अगर सांड़ों को सड़क से नहीं हटाया तो किसी दिन बड़ा हादसा हो जाएगा।


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