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एक माह में सौ रुपये प्रति किलो बढ़ा चिकन का भाव, अंडा भी आसमान पर

एक माह पहले तक 120 से 140 रुपये किलो के बीच बिकने वाला चिकन 240 रुपये किलो तक पहुंच गया है। यही हाल अंडे का भी है। प्रति ट्रे (30 अंडा) 40 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 10:02 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 09:09 AM (IST)
मुर्गे का मीट इस समय रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। चिकन और अंडे की कीमतों में बड़ा उछाल आया है। एक माह पहले तक 120 से 140 रुपये किलो के बीच बिकने वाला चिकन 240 रुपये किलो तक पहुंच गया है। यही हाल अंडे का भी है। प्रति ट्रे (30 अंडा) 40 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। ज्यादातर होटल, रेस्टोरेंट बंद होने और सड़कों के किनारे अंडे के ठेले-खोमचे न लगने के बावजूद अंडे की मांग बनी हुई है। 

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इसलिए बढ़े भाव

मुर्गी पालन से जुड़े लोगों का कहना है कि इंटरनेट मीडिया खासतौर से वाट्सएप एवं फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों पर पहले बर्ड फ्लू और फिर कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह के मैसेज से लोगों को डराया गया था, जिसके चलते अंडे और चिकन की मांग में कमी आई थी। अब लोगों को पता चल गया है कि इसे खाने से कोई नुकसान नहीं होता।

इस रेट पर बिक रहा अंडा

बर्ड फ्लू और कोरोना के खौफ के बीच जनवरी से 15 अप्रैल के बीच नानवेज का कारोबार ठंडा रहा। सबसे ज्यादा बिकने वाला अंडा व चिकन की मांग कम हो गई है। वहीं मटन व मछली की खपत थोड़ी बढ़ गई है। चिकन प्रतिकिलो 100 से 120 तो अंडा 190 रुपये प्रति ट्रे (30 अंडे) से घटकर 135 रुपये पर आ गया था। नुकसान की वजह से कई व्यापारियों ने कारोबार अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। 20 अप्रैल के बाद से अचानक मांग बढ़ने लगी। स्थानीय स्तर पर अंडे का उत्पादन कम होने और बाहर से अंडे की आपूर्ति न होने के कारण अंडे की कीमत में बढ़ा उछाल आ गया। 

सात रुपये पीस बिक रहा अंडा

फुटकर विक्रेता मोहम्मद सलमान ने बताया कि एक माह पहले तक जो अंडा 880 रुपये गत्ता (210 अंडा) मिल रहा था अब वह 1240 रुपये मिल रहा है। उसमें से भी कई खराब निकल रहा है। इसलिए फुटकर में सात रुपये पीस अंडा बेचा जा रहा है। दूसरी तरफ मांग और आपूर्ति में अंतर होने के कारण चिकन के दाम बढ़ोतरी हुई है। 

खड़ा मुर्गा 140 रुपये प्रति किलो

खड़ा मुर्गा 140 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि आमतौर पर खड़ा 70 से 75 रुपये बिकता है। कोराबारी संजय कुमार के मुताबिक जनवरी से लेकर मार्च तक काफी नुकसान उठाना पड़ा। कइयों ने कारोबार बंद कर दिया। अब मांग बढ़ी है तो माल उपलब्ध नहीं है। प्रतिदिन 50 से 55 टन चिकन की मांग है, लेकिन आपूर्ति उस हिसाब से नहीं हो पा रही है। इसी तरह मांग बनी रही तो चिकन के दामों में और उछाल आएगा।


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