गोरखपुर के परिषदीय स्कूलों में चहारदीवारी निर्माण कराना नहीं चाहता शिक्षा विभाग
बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से जिले के दो सौ स्कूलों में चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना है। संज्ञान में आया है कि अभी तक निर्माण नहीं शुरू हुआ है। यह गंभीर बात है।
गोरखपुर, जेएनएन। जनपद के दो सौ परिषदीय स्कूलों में चहारदीवारी का निर्माण जिम्मेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। शिक्षा विभाग नहीं चाहता है कि विद्यालयों में चहारदीवारी का निर्माण कार्य समय पर पूरा हो। यही कारण है कि पूरा माह सिर्फ आइडी जनरेट करने में बीत गया। जबकि यह कार्य सभी स्कूलों में एक साथ शुरू कराकर 30 जून तक हर हाल में पूर्ण कर लेना है।
30 जून तक पूरा करना है निर्माण कार्य
कायाकल्प योजना के तहत मनरेगा से होने वाले चहारदीवारी निर्माण के लिए प्रत्येक विकास खंड से दस-दस स्कूल चयनित किए गए हैं। सीडीओ ने बीएसए व खंड शिक्षाधिकारियों को चहारदीवारी का निर्माण हर हाल में 30 जून तक पूर्ण करने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके इसको लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। विभाग ने पूर्व में भी जिले के कई विद्यालयों में चहारदीवारी का निर्माण कराया था। बावजूद इसके दर्जनों विद्यालय चहारदीवारी विहीन रह गए थे। इस बार कायाकल्प के नए 18 बिंदुओं वाले पैरामीटर के तहत विद्यालयों का चिह्नीकरण चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना है।
इस समय सारिणी से होना था निर्माण
छह जून को आइडी बनाने की कार्रवाई पूरी करने के लिए निर्देश दिए गए थे। इसी तरह से सात व आठ जून को प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति लेने और नौ व दस को जियो टैगिंग किए जाने की व्यवस्था की गई थी। 12 जून को सभी चिह्नित विद्यालयों में एक साथ कार्य प्रारंभ होने के लिए कहा गया था। जिले में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 2504 है। इसमें प्राथमिक स्कूलों की संख्या 1658 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 374। 472 कंपाेजिट स्कूल भी हैं।
बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से जिले के दो सौ स्कूलों में चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना है। संज्ञान में आया है कि अभी तक निर्माण नहीं शुरू हुआ है। यह गंभीर बात है। कारणों का पता लगाकर जल्द से जल्द से निर्माण शुरू कराया जाएगा। ताकि स्कूल खुलने से पूर्व निर्माण कार्य पूर्ण हो सके।