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जनपद गठन के 23 साल बाद भी नहीं स्थापित हुआ बस स्टेशन

संतकबीर नगर जिला बनने के 23 साल बाद भी संतकबीरनगर में बस डिपो स्थापित नहीं हो पाया है। लोग खलीलाबाद बाइपास पर ओवरब्रिज व पेड़ के नीचे बस का इंतजार करने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 11:25 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 11:25 PM (IST)
जनपद गठन के 23 साल बाद भी नहीं स्थापित हुआ बस स्टेशन
जनपद गठन के 23 साल बाद भी नहीं स्थापित हुआ बस स्टेशन

संतकबीर नगर : जिला बनने के 23 साल बाद भी संतकबीरनगर में बस डिपो स्थापित नहीं हो पाया है। लोग खलीलाबाद बाइपास पर ओवरब्रिज व पेड़ के नीचे बस का इंतजार करने को मजबूर हैं। बैठने, पेयजल, शौचालय सहित अन्य समस्याएं रोज झेलते हैं।

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वर्ष 1960 में खलीलाबाद स्टेशन रोड के पास परिवहन निगम का भवन बनाया गया था। करीब 35 वर्षों तक इस स्टेशन में बसें रुकती थीं। यहां से यात्री अपने गंतव्य स्थान के लिए जाते थे। वर्ष 1997 में जिला बनने के बाद बस स्टेशन परिसर में पुलिस लाइन की स्थापना कर दी गई। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खलीलाबाद बाइपास के निकट एक छोटे से कमरे का निर्माण कराकर कार्यालय चलाया जाने लगा। कुछ साल बाद यह कार्यालय भी बंद हो गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में सपा नेता संतोष यादव ने बस डिपो स्थापित करने के लिए शासन से मांग की थी। इसके बाद पूर्व भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी ने सूबे के परिवहन मंत्री से बस डिपो स्थापित करने की मांग की थी। इस पर शासन ने मुफ्त में भूमि मांगी थी। तत्कालीन डीएम मार्कण्डेय शाही ने इसके लिए पहल की थी लेकिन सार्थक परिणाम सामने नहीं आया।

शिक्षक मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि खलीलाबाद बाइपास पर तमाम यात्री रोज असुविधा झेलते हैं। पूरे विश्व को शांति और आपसी भाईचारा का संदेश देने वाली संत कबीर की स्थली में बस डिपो की स्थापना न करके इसकी उपेक्षा की जा रही है। व्यापारी मोहम्मद राशिद ने बताया कि रोजाना गोरखपुर से खलीलाबाद आता जाता हूं। मेरे जैसे तमाम यात्री धूप व बरसात में ओवरब्रिज के नीचे खड़े होकर बस का इंतजार करते हैं। कुछ बसें ओवरब्रिज से निकल जाती हैं तो कुछ नीचे से। रोजाना दिक्कत झेलनी पड़ रही है।

विनय भट्ट ने कहा कि रोजाना यात्रियों को हो रही दिक्कत को देखते हुए सांसद, विधायक को इस महत्वपूर्ण विषय पर सार्थक पहल करनी चाहिए। अफसोस की बात यह है कि जनपद के चौमुखी विकास का दावा करने वाले जनप्रतिनिधि इस विषय पर खामोश हैं। यही हाल आला अधिकारियों का है।

अनीता पांडेय ने कहा कि बस के इंतजार में रोज खलीलाबाद बाइपास पर महिलाओं व बच्चों को सर्वाधिक दिक्कत झेलनी पड़ती है। इस जिले के सांसद, विधायक न जाने कब इस समस्या को लेकर जागेंगे ? समस्या को दूर करने के लिए पहल करेंगे ?

जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कहा कि बस स्टेशन की स्थापना शासन स्तर से ही हो सकती है। इसके लिए लगातार प्रयास किया जाएगा ताकि लोगों को बस डिपो के अभाव में दिक्कत न झेलनी पड़े।

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