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देवरिया जिला अस्‍पताल में डाक्‍टरों के खेल में दवाएं खत्‍म, जानें-कैसे काम चला रहे मरीज Gorakhpur News

अस्पताल ने दूसरी कंपनी से दवा लेना प्रारंभ कर दिया। इस तरह से एक के बाद दूसरी तीसरी कंपनी से आपूर्ति लेने के खेल में डेढ़ दर्जन कंपनियों का जिला अस्पताल पर दो करोड़ बकाया का हैै।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 07:45 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 08:00 AM (IST)
देवरिया जिला अस्‍पताल में डाक्‍टरों के खेल में दवाएं खत्‍म, जानें-कैसे काम चला रहे मरीज Gorakhpur News
देवरिया जिला अस्‍पताल में डाक्‍टरों के खेल में दवाएं खत्‍म, जानें-कैसे काम चला रहे मरीज Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों में सबकुछ ठीक होने का दावा कर रही है लेकिन देवरिया के जिला अस्पताल में दवाओं की किल्लत लगातार बढ़ रही है। गरीब मरीज दवा के अभाव में कराह रहे हैं। इमरजेंसी में मरीजों को जहां जीवन रक्षक दवाएं नहीं मिल पा रही हैं, वहीं वार्ड में भर्ती मरीजों का जीवन बचाने के लिए तीमारदारों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है। कोई सुनने वाला नहीं है। यह सब डाक्‍टरों के खेल के कारण हुआ है।

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इन दवाओं का है अभाव

पैरासीटामाल सिरप, एल्वेंडाजाल टेबलेट, पेंटाजोशीन इंजेक्शन, प्रोमेपाजीन इंजेक्शन, आरएल बोतल, डोपामीन इंजेक्शन, सिरप ओफलाक्सासीन, सिरप ङ्क्षजक, डेक्सोमेथार्पेन सिरप, एक्ब्रक्साल सिरप, टर्बुटलीन सिरप, साल्वूटामाल सिरप आदि दवाओं का अभाव है। इसके अलावा जेई, एईएस व आपरेशन के बाद मरीजों का घाव सूखने का एंटीबायोटिक, सांस व हृदय रोग के मरीजों की दवा का भी अभाव है।

ट्रीटमेंट प्रोटोकाल के तहत नहीं दी जा रही दवाएं

ट्रीटमेंट प्रोटोकाल शासन का सख्त निर्देश है कि ब'चों का इलाज करते समय एजीथ्रोमाइसीन सिरप दिया जाय। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। बच्‍चों की खासी का कोई सीरप मौजूद नहीं है। झटके की बीमारी की भी कारगर दवा नहीं है। सोडियम एलप्रोवेट इंजेक्शन नहीं है इसकी जगह पर डाइक्लो इंजेक्शन लगा कर काम चलाया जा रहा है।

दवा कंपनियों का दो करोड़ बकाया

एक दवा कंपनी से दवाओं की खरीदारी की और जब भुगतान की रकम बढ़ गई। तब अस्पताल प्रशासन ने भुगतान नहीं किया। इसलिए कंपनी ने दवाओं की आपूर्ति बंद कर दी। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने दूसरी कंपनी से दवा लेना प्रारंभ कर दिया। इस तरह से एक के बाद दूसरी, तीसरी, चौथी दवा कंपनी से आपूर्ति लेने के खेल में डेढ़ दर्जन कंपनियों का जिला अस्पताल पर दो करोड़ रुपये बाकी है। इस बीच शासन ने लोकल स्तर पर दवाओं की खरीदारी को बंद कर कार्पोरेशन से मिल रही दवाओं से ही काम चलाने का फरमान जारी कर दिया।

मरीजों की भी सुनें

भागलपुर निवासी अशोक प्रसाद के बेटे अजीत को झटका की बीमारी है। वह चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती था उसकी डाक्टरों ने छुट्टी कर दी वह घर जा रहा था। बताया कि बस एक दवा पैरासीटामाल मिला बाकी सब बाहर से खरीद कर ले आया। कपिल प्रसाद निवासी कोल्हुआ सलेमपुर के पैर की हड्डी टूट गई है। उसे डाक्टरों ने बाहर की दवा लिखी है। जिसे वह खरीद कर खा रहा है। संजय कुमार अपने बेटे शांतनु को दिखाए आए थे उन्होंने बताया कि दो दवा मिली है, तीन दवा डाक्टर साहब ने बाहर से लेने को कहा है।

सीएमएस ने कहा-लोकल स्‍तर पर दवाओं की खरीदारी बंद

इस संबंध में जिला अस्‍पताल के सीएमएस डा. छोटेलाल का कहना है कि जिन दवाओं का अभाव है उसकी डिमांड कार्पोरेशन को लखनऊ भेजी गई हैं। इनके अलावा आवश्यक दवाएं हैं। जिससे काम चलाया जा रहा है। बजट नहीं आने से लोकल स्तर पर दवाओं की खरीदारी बंद हो गई है। जिससे परेशानी हो रही है, लेकिन क्या किया जा सकता है। शासन का जैसा निर्देश होगा उसका पालन करना ही होगा। 


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