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संतकबीरनगर का है मुंबई बम ब्लास्ट का आतंकी डा. जलीस अंसारी, डा.बम के नाम से पुकारते हैं आतंकी Gorakhpur News

वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट और अजमेर में हुए धमाके के दोषी आतंकी 68 वर्षीय डा. जलीस अंसारी संतकबीर नगर का निवासी है। आतंकियों को बम बनाने की ट्रेनिंग देता रहा है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 09:41 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 09:41 PM (IST)
संतकबीरनगर का है मुंबई बम ब्लास्ट का आतंकी डा. जलीस अंसारी, डा.बम के नाम से पुकारते हैं आतंकी Gorakhpur News
संतकबीरनगर का है मुंबई बम ब्लास्ट का आतंकी डा. जलीस अंसारी, डा.बम के नाम से पुकारते हैं आतंकी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट और अजमेर में हुए धमाके के दोषी आतंकी 68 वर्षीय डा. जलीस अंसारी संतकबीर नगर जनपद का निवासी है। उसे शुक्रवार को स्पेशल टास्क फोर्स(एसटीएफ) ने सूबे के कानपुर से गिरफ्तार कर लिया है।

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लेडुआ-महुआ गांव का निवासी है आतंकी

गिरफ्तार आतंकी इस जिले के बखिरा थानाक्षेत्र के लेडुआ-महुआ गांव का निवासी है। ये एमबीबीएस डिग्रीधारक है। करीब 35 साल पहले वह अपने गांव में क्लीनिक चलाता था। कुछ दिन बाद वह सपरिवार मुंबई चला गया था। मुंबई में अग्रीपाड़ा इलाके के मोमिनपुरा में आतंकी सपरिवार रहता है। करीब 15 साल पहले वह बच्चों के साथ गर्मी के मौसम में गांव आया हुआ था।

अचानक लापता हो गया डा. बम

आतंकी डा. जलीस बारे में बताया जा रहा है कि वह 21 दिन पहले अजमेर जेल से पैरोल पर अपने घर मुंबई आया था। शुक्रवार को ही इसकी पैरोल खत्म हो रही थी। पैरोल के दौरान इसे रोजाना थाने में हाजिरी लगानी होती थी। बीते गुरुवार को वह जब थाने पर नहीं पहुंचा, तब पुलिस उसके घर पहुंच गई।

आतंकी के बेटे में थाने में दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट

उसके बेटे ने पुलिस को बताया था कि उसका पिता सुबह नमाज पढऩे के लिए घर से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। उसके बेटे ने मुंबई स्थित थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी। इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच और एटीएस उसकी तलाश में जुटी हुई थी।

आतंकियों को बम बनाने की ट्रेनिंग देता था जलीस अंसारी

डा. जलीस अंसारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा हुआ है। आतंकियों को बम बनाने की ट्रेनिंग देता रहता है। इसी के चलते लोग आतंकियों में इसे डाक्टर बम के नाम से बुलाया जाने लगा। वर्ष 2008 के मुंबई ब्लास्ट केस में भी एनआइए ने वर्ष 2011 में इससे पूछताछ की थी। अजमेर ब्लास्ट के मामले में टाडा कोर्ट ने इसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी।


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