प्रमाण देने पर जारी होगा रोल नंबर, तभी दे पाएंगे परीक्षा
स्कूलों में पंजीकृत 3100 छात्रों का रोल नंबर रोक दिया गया है। यह सब ऐसे छात्र हैं जिन्होंने एक से अधिक स्कूलों में दाखिला कराये हुए हैं।
By Edited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 11:02 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 11:23 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। एक से अधिक स्कूलों से पंजीकरण कराने के मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 3100 से अधिक रोल नंबर रोक दिए हैं। इनमें से कई ने गलत तरीके से रोल नंबर रोके जाने को लेकर आपत्ति दाखिल की है। आपत्तियों के पक्ष में प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद रोल नंबर जारी करने का निर्णय लिया गया है। जल्दी ही यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने इस साल डुप्लीकेट नाम के आधार पर बड़ी संख्या में रोल नंबर रोक दिए।
क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय गोरखपुर के अंतर्गत आने वाले 11 जिलों में 3100 से अधिक छात्र-छात्राएं इससे प्रभावित हुए हैं। कार्रवाई होने के बाद प्रभावित लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। कुछ का कहना है कि उन्होंने समय से नाम कटवा लिया था, कुछ का दावा है कि उन्होंने कहीं और से फार्म भरा ही नहीं। नाम कटवाने का दावा करने वालों से प्रमाण व अन्य से शपथ पत्र मांगा गया है। बोर्ड भी हुआ कंफ्यूज इंटरमीडिएट की छात्रा अंशिका शुक्ला पुत्री संजय शुक्ल का रोल नंबर इसी आधार पर रोका गया है।
उनके पिता ने जब आपत्ति की तो उन्हें बताया गया कि छात्रा व माता-पिता के एक ही नाम होने से ऐसा हुआ है। नाम भले ही एक हो लेकिन ये दोनों अलग-अलग छात्राएं हैं और दोनों के अभिभावकों ने आपत्ति दाखिल की है। छात्राओं की जन्मतिथि व हाईस्कूल के रोल नंबर में अंतर है। पिता के नाम में कुमार का अंतर है। इस संबंध में गोरखपुर के क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय योगेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि आपत्तियों का शीघ्र की निस्तारण कर लिया जाएगा, किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय गोरखपुर के अंतर्गत आने वाले 11 जिलों में 3100 से अधिक छात्र-छात्राएं इससे प्रभावित हुए हैं। कार्रवाई होने के बाद प्रभावित लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। कुछ का कहना है कि उन्होंने समय से नाम कटवा लिया था, कुछ का दावा है कि उन्होंने कहीं और से फार्म भरा ही नहीं। नाम कटवाने का दावा करने वालों से प्रमाण व अन्य से शपथ पत्र मांगा गया है। बोर्ड भी हुआ कंफ्यूज इंटरमीडिएट की छात्रा अंशिका शुक्ला पुत्री संजय शुक्ल का रोल नंबर इसी आधार पर रोका गया है।
उनके पिता ने जब आपत्ति की तो उन्हें बताया गया कि छात्रा व माता-पिता के एक ही नाम होने से ऐसा हुआ है। नाम भले ही एक हो लेकिन ये दोनों अलग-अलग छात्राएं हैं और दोनों के अभिभावकों ने आपत्ति दाखिल की है। छात्राओं की जन्मतिथि व हाईस्कूल के रोल नंबर में अंतर है। पिता के नाम में कुमार का अंतर है। इस संबंध में गोरखपुर के क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय योगेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि आपत्तियों का शीघ्र की निस्तारण कर लिया जाएगा, किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
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