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तकिया लगाकर न देखें टीबी-मोबाइल, सोते वक्‍त चार इंच मोटी रूई की तकिया लगाएं Gorakhpur News

गोरखपुर के न्यूरो सर्जन डा. अविजीत सरकारी ने कहा कि सर्वाइकल की समस्या का सबसे बड़ा कारण दो-तीन तकिया लगाकर मोबाइल या टीवी देखना है। कई लोग सिर झुकाकर मोबाइल देखते हैं। वह काफी देर तक सिर को झुकाकर रखते हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 07:05 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:23 PM (IST)
तकिया लगाकर न देखें टीबी-मोबाइल, सोते वक्‍त चार इंच मोटी रूई की तकिया लगाएं Gorakhpur News
जागराण के कार्यक्रम में न्यूरो सर्जन डा. अविजीत सरकारी। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हैलो जागरण में न्यूरो सर्जन डा. अविजीत सरकारी ने मरीजों की समस्या का समाधान किया। डा. सरकारी ने कहा कि सर्वाइकल की समस्या का सबसे बड़ा कारण दो-तीन तकिया लगाकर मोबाइल या टीवी देखना है। कई लोग सिर झुकाकर मोबाइल देखते हैं। वह काफी देर तक सिर को झुकाकर रखते हैं। ऐसे लोगों के गर्दन और हाथ में दर्द के मामले आम हो जाते हैं। रूई से बनी सिर्फ चार इंच मोटी तकिया लगाएं। गर्दन की दर्द के लिए व्यायाम करें। ज्यादातर दर्द चार हफ्ते में दूर हो जाता है लेकिन इससे ज्यादा समय तक दर्द बना रहता है तो न्यूरो के डाक्टर से जरूर परामर्श लें।

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सवाल - रात में सोते समय सिर में दर्द होता है। - रतनलाल गुप्ता, छोटे काजीपुर

जवाब - ठंड में सिर में दर्द होने के मामले सामने आते हैं। शाम को सात बजे के बाद चाय या काफी या कोई नशा न करें। रात में सोने का समय निर्धारित कर लें। रात 10 बजे के पहले जरूर सो जाएं। रात में भोजन के साथ एक गिलास दूध का सेवन करें।

सवाल - बाएं पैर का अंगूठा सुन्न हो जाता है, कमर में दर्द रहता है। - अवधेश यादव, चाणक्यपुरी कालोनी

जवाब - कमर का व्यायाम करें। भुजंग आसन करने से कमर दर्द से राहत मिलती है। अंगूठा सुन्न होने की शिकायत है तो न्यूरो के डाक्टर को दिखा लें।

सवाल - मेरी उम्र 75 वर्ष है। खड़ा होता हूं तो पैर हिलने लगते हैं। - हरिनारायण राय, शक्ति नगर कालोनी

जवाब - खानपान दुरुस्त करें और न्यूरो के डाक्टर से मिलें। एमआरआइ कराने के बाद समस्या की असली वजह की जानकारी मिल जाएगी।

सवाल - कुछ साल पहले सर्वाइकल का अटैक हुआ था। अब स्वस्थ हूं लेकिन बाएं हाथ में पकड़ नहीं मजबूत हो पा रही है। - अनिल कुमार, मोहद्दीपुर

जवाब - फिजियोथेरेपी कराते रहें। एमआरआइ से नसों की स्थिति की जानकारी मिलेगी।

सवाल - शरीर के दाहिने हिस्से में पीठ से पैर तक दर्द रहता है। - रामचंद्र सिंह, छपिया

जवाब - यह साइटिका के लक्षण हो सकते हैं। किसी न्यूरो के डाक्टर से मिलकर परामर्श लें।

सवाल - पाल्थी मारकर आधे घंटे बैठता हूं, जब खड़ा होता हूं तो चल नहीं पाता हूं। पैर की एड़ी दर्द करती है। - मुन्ना लाल जायसवाल, खोराबार

जवाब - पाल्थी मारने से नसें दबती हैं। काफी देर तक बैठे हैं तो पहले आराम से पैर खोलें और चला लें। इसके बाद धीरे-धीरे खड़े हों। कैल्शियम और न्यूरो से जुड़ी दवाएं ले सकते हैं। डाक्टर से परामर्श कर लें।

सवाल - कंधे से गर्दन तक नसों में बहुत दर्द रहता है। - संजय कुमार, सहजनवां

जवाब - मोबाइल या टीवी सोकर न देखें। झुककर मोबाइल भी न देखें। तकिया चार इंच मोटी लगाएं। ज्यादातर मामलों में चार सप्ताह में दर्द खत्म हो जाता है। इससे ज्यादा समय तक दर्द बना रहता है तो न्यूरो के डाक्टर से परामर्श लें।

सवाल - गर्दन के दाहिने हिस्से में सुबह उठने पर दर्द रहता है। - नेबूलाल, बड़हलगंज

जवाब - चार इंच से ज्यादा मोटी तकिया न लगाएं। गर्दन का व्यायाम करें।

सवाल - हाथ में दर्द रहता है। जब तक दवा खाता हूं तब तक दर्द ठीक रहता है। मुझे सुगर भी है।

जवाब - सुगर के कारण भी दर्द और झनझनाहट की समस्या हो सकती है। सुगर नियंत्रित रखें। यदि चार हफ्ते में दर्द न ठीक हो तो न्यूरो के डाक्टर से परामर्श लें।

सवाल - गर्दन और हाथ में दर्द होता है। गर्दन के पिछले हिस्से से लेकर सिर के पिछले हिस्से में इतना दर्द होता है कि कपड़ा बांधना पड़ता है। - पिंकी दुबे, रुस्तमपुर

जवाब - सिर में दर्द माइग्रेन का लक्षण हो सकता है। गर्दन और हाथ में दर्द सर्वाइकल हो सकता है। न्यूरो के डाक्टर से परामर्श लें।

सवाल - कमर के दाहिने हिस्से में दर्द होता है। सुबह उठने पर दर्द बढ़ जाता है। - श्रीकांत, बड़हलगंज

जवाब - झुककर काम न करें, भारी सामान न उठाएं, सड़क पर आराम से चले, उबड़-खाबड़ सड़क पर चलने से बचें।

सवाल - बाएं हाथ में झनझनाहट रहती हैं। ठंड में झनझनाहट बढ़ जाती है। - दीपक मिश्र, खजनी

जवाब - सर्वाइकल की समस्या हो सकती है। बचाव बहुत जरूरी है।

सवाल - दोनों घुटने के नीचे मांसपेशियों में दर्द रहता है। सुगर भी है। - मनोज सिन्हा, सूरजकुंड

सवाल - रात में शरीर ठंडी हो जाती है। घबराहट और बेचैनी रहती है, तनाव भी रहता है।

रामदास यादव, पीपीगंज

जवाब - व्यायाम करें, शाम सात बजे के बाद चाय-काफी या नशे का सेवन न करें। रात 10 बजे के पहले सोने की आदत डालें।

इन्होंने भी पूछे सवाल

गंगा वर्मा कौड़ीराम, हनुमान मिश्र आजाद चौक, रामदास बेलघाट, अंशू वर्मा कौड़ीराम, संगीता बशारतपुर, मनभाती बरडाड़ चौराहा आदि।

अब हर महीने की समस्या है स्ट्रोक

डा. अविजीत सरकारी ने कहा कि ठंड में ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ते हैं लेकिन अब यह हर महीने की समस्या हो गई है। अनियमित जीवन शैली और गलत खानपान से ज्यादा ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। हाई ब्लड प्रेशर, सुगर और बढ़े कोलेक्ट्राल से ब्रेन स्ट्रोक के मामले होते हैं। यदि अचानक शरीर के किसी अंग में कमजोरी महसूस होती है तो चेत जाने की जरूरत है। तत्काल न्यूरो के डाक्टर के पास पहुंचे क्योंकि दबाव में ब्रेन की नस के फटने या नस में खून का थक्का जमने के कारण ऐसा हो सकता है। तीन घंटे के भीतर एमआरआइ व सीटी स्कैन से इसे जाना जा सकता है। इसी आधार पर दवा शुरू होने पर मरीज को जल्द से जल्द फायदा होता है।


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