जिला पंचायत अध्यक्ष के पति मनुरोजन यादव पर दर्ज हुआ मुकदमा
गोरखपुर जिला पंचायत अध्यक्ष संगीता यादव के पति और समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव मनुरोज
गोरखपुर
जिला पंचायत अध्यक्ष संगीता यादव के पति और समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव मनुरोजन यादव सहित चार नामजद तथा 50 अज्ञात के विरुद्ध खोराबार पुलिस ने गुरुवार को मुकदमा दर्ज किया है। उन पर सेंदुली बेंदुली में जमीन पर कब्जा करने की कोशिश, तोड़फोड़ करने, चहारदीवारी तोड़कर गेट उठा ले जाने और मारपीट करने का आरोप है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
कैंट इलाके के बिलुदपुर निवासी विजय प्रताप सिंह इस मामले में तहरीर दी थी। उन्होंने तहरीर में लिखा है कि बिलंदपुर के ही रहने वाले जगदीश नारायण सिंह की पत्नी ललिता सिंह ने चार व सात अक्टूबर 2012 को खोराबार के सेंदुली बेंदुली गांव में 12.5 डिसमिल जमीन रजिस्टर्ड बैनामा कराया था। खारिज दाखिल होने के बाद उन्होंने चौहद्दी के अनुसार जमीन के चारों तरफ चहारदीवारी लगवाने के बाद प्रवेश के लिए गेट लगवा दिया। ललिता सिंह, जमीन पर पूरी तरह से काबिज थीं।
खोराबार के ही गायघाट निवासी 5 जनवरी 2014 को रमेश यादव, मिर्जापुर निवासी मनुरोजन यादव, राजघाट के ट्रांसपोर्टनगर निवासी विरेंद्र बहादुर सिंह और सुरेंद्र बहादुर सिंह 50 से अधिक लोगों के साथ सेंदुली बेंदुली पहुंचे और ललिता देवी की जमीन पर लगी चहारदीवारी तोड़ने लगे। इसकी जानकारी होने पर उनके परिवार के लोग मौके पर पहुंचे तो मनुरोजन यादव और उनके साथ के लोगों ने छह जुलाई 2013 को उस जमीन का विरेंद्र बहादुर सिंह और सुरेंद्र बहादुर सिंह से अपने नाम से एग्रीमेंट कराने की बात कहते हुए उन्हें मारपीट कर भगा दिया। आरोप है कि आरोपित एग्रीमेंट का फर्जी कागजात तैयार कराकर जमीन पर कब्जे के प्रयास में थे।
विजय प्रताप सिंह इस संबंध में उसी समय तहरीर दी लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज हुआ। इसके बाद वह अधिकारियों के पास भी गुहार लगाते रहे लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। आरोप है कि उस समय सपा सरकार के दबाव में पुलिस उनकी फरियाद नहीं सुन रही थी। गुरुवार को उन्होंने एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज से मिलकर गुहार लगाई। एसएसपी के निर्देश पर चार साल बाद खोराबार पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुकदमा दर्ज होने के संबंध में पूछे जाने पर मनुरोजन यादव ने कहा कि जिन्होंने मुकदमा दर्ज कराया है उनको मैं पहचानता हूं और न ही वह मुझे पहचानते होंगे। मेरे विरुद्ध की गई कार्रवाई पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। मामला 2014 का है तो उसी समय मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए था। जिस जमीन की बात की जा रही है, उससे मेरा कोई लेनादेना नहीं है।