गोरखपुर में प्ले-वे स्कूल की तर्ज पर हो रही दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई Gorakhpur News
सीआरसी में दिव्यांग बच्चों की शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह बदल गई है। कुर्सियां टेबल किताबें व पढ़ाने का ढंग बिल्कुल प्ले वे स्कूल की तरह है। एक साथ आठ बच्चे पढ़ते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। सीआरसी (समग्र क्षेत्रीय केंद्र) दिव्यांग बच्चों के जीवन में खुशियों के मोहक रंग भर रहा है। उन्हें रिझाने के लिए केंद्र में तैयार बाल केंद्रित कक्ष में रंग-बिरंगे कार्टून से सुसज्जित डेस्क व कुर्सियां हैं, तो पढ़ाने के लिए संकेत भाषा व ब्रेल लिपि के जानकार छह शिक्षक नियुक्त हैं। आकर्षक माहौल में 40 दिव्यांग मासूम अपना जीवन संवार रहे हैं।
शिक्षण की पूरी व्यवस्था बदली
सीआरसी में दिव्यांग बच्चों की शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह बदल गई है। कुर्सियां, टेबल, किताबें व पढ़ाने का ढंग बिल्कुल प्ले वे स्कूल की तरह है। जिन बच्चों के हाथ में अंगूठा-अंगुली ग्रिप नहीं बना पाते, वे कलम नहीं पकड़ पाते हैं, उनके ग्रिप को मजबूत करने के लिए पेग बोर्ड है, जिसमें बहुत से छिद्र व गोलियां हैं। शिक्षक उन्हें छिद्र में गोलियां बैठाना सिखाते हैं। ग्रिप मजबूत होने के बाद उन्हें कुर्सी-टेबल पर लाया जाता है और लिखना सिखाया जाता है। पहले इन बच्चों को अलग-अलग पढ़ाने की व्यवस्था थी। वे बिना अभिभावक के रुक नहीं पाते थे। अब एक साथ आठ बच्चे पढ़ते हैं। इससे वे आपस में भी एक-दूसरे से सीखते हैं।
बच्चों का आकर्षण बढ़ा
इस संबंध में सीआरसी स्पेशल एजूकेशन के असिस्टेंट प्रोफेसर नीरज मधुकर का कहना है कि कुर्सी-टेबल इतने आकर्षक हैं और पढ़ाई मनोरंजनपूर्ण कि बच्चे पढ़ाई के दौरान माता-पिता को नहीं खोजते। बाल केंद्रित कक्ष और उनमें आकर्षक कुर्सियां व टेबल से बच्चों का ठहराव बढ़ा है। वे मन लगाकर पढ़ाई करते हैं। समूह में इसलिए पढ़ाने की व्यवस्था की गई ताकि वे एक-दूसरे से कुछ सीख सकें।