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फोन व कंप्यूटर को हैकिंग से बचाएगा मंगल का डिजिटल सर्किट

Digital Circuit Design Technology मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थी मंगलदीप गुप्ता ने ऐसा डिजिटल सर्किट तैयार किया है जो वर्तमान उपलब्ध सर्किट से अधिक सुरक्षित और तेज है। इससे सभी डाटा सुरक्षित रहेगा।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 12:57 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 12:57 PM (IST)
Digital Circuit Design Technology : एमएमएमयूटी के शोधार्थी मंगलदीप के बनाए सर्किट का रेखाचित्र। फोटो सौ. प्रो. आरेके चौहान

गोरखपुर, डा. राकेश राय। डाटा के बोझ और हैकिंग के खतरे से हांफ रहे मोबाइल और कंप्यूटर अब अधिक सुरक्षित व तेज किए जा सकेंगे। उनमें मौजूद क्यूआर कोड, वित्तीय जानकारियों समेत सभी डाटा सुरक्षित रहेगा। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थी मंगलदीप गुप्ता ने ऐसा डिजिटल सर्किट तैयार किया है, जो वर्तमान उपलब्ध सर्किट से अधिक सुरक्षित और तेज है। यह एक प्रकार का एल्गोरिदम आधारित वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन (वीएलएसआइ) सर्किट है। इसमें ट्रांजिस्टरों का संयोजन इस प्रकार किया गया है कि वह कम स्थान में अवस्थित होकर सर्किट को जटिल और ताकतवर बनाते हैैं। इससे सर्किट संदेश वाहक अंकों (डिजिटल मैसेज) की त्वरित और सुरक्षित कोडिंग करता है।

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अमेरिकी संस्था ने दी स्वीकृति

इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरके चौहान के निर्देशन में हुए इस शोध को अमेरिकन कांग्रेस के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्टैैैंडर्ड एंड टेक्नोलाजी (एआइएसटी) ने 15 मानकों की कसौटी पर खरा पाने के बाद मान्यता दे दी है। इससे जुड़े आधा दर्जन शोध पत्र विभिन्न अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुए हैैं। पेटेंट के लिए आवेदन किया जा चुका है। प्रो. चौहान ने बताया कि कोई भी सर्किट अपनी ताकत, गति और सुरक्षा के कारण खास होता है। ट्रांजिस्टरों का संयोजन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संदेश वाहक अंक तुरंत उत्पन्न होते हैैं और सर्किट तत्काल इनक्रिप्शन (कोडिंग) कर देता है। कम स्थान में अधिक ट्रांजिस्टर के कारण डाटा और सिस्टम को हैक करना मुश्किल होगा। प्रो. चौहान का दावा है कि उत्तर प्रदेश में ऐसा शोध पहली बार किया गया है। देश में भी इस विषय पर कम ही लोग काम कर रहे हैैं।

सिग्नल टूटने से बढ़ती है हैकिंग

प्रो. चौहान ने बताया कि डाटा संप्रेषण के दौरान नेटवर्क बाधित होने पर सर्किट से डिजिटल कोड का सामंजस्य बिगड़ता है। इससे सुरक्षा चक्र तोड़कर हैकिंग किए जाने की आशंका बढ़ जाती है। मंगलदीप का बनाया सर्किट त्वरित गति से डिजिटल कोड बनाकर उसे इनक्रिप्ट कर देता है।

क्यूआर कोड और क्रिप्टोकरेंसी भी रहेंगे सुरक्षित

डिजिटल कैश प्रणाली क्रिप्टोकरेंसी और क्यूआर कोड एल्गोरिदम पर आधारित प्रणाली है। यह वीएलएसआइ सर्किट इससे संबंधित डाटा को भी सुरक्षित रखेगा।

इन जर्नल्स में हुआ प्रकाशन

आइईटी कंप्यूटर्स एंड डिजिटल टेक्निक, लंदन

जर्नल आफ सर्किट, सिस्टम एंड कंप्यूटर्स, सिंगापुर

एडवांस इन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग, नीदरलैंड

ईसीटीआइ ट्रांजेक्शन आन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन, थाईलैंड

जर्नल आफ टेलीकम्युनिकेशन, इलेक्ट्रानिक एंड कंप्यूटर इजीनियरिंग, मलेशिया

कम स्‍थान में अधिक ट्रांजिस्‍टर समायोजित होने से बढ़ जाती है ताकत

एमएमएमयूटी में इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रो. आरके चौहान मंगलदीप के डिजिटल सर्किट में कम स्थान में अधिक ट्रांजिस्टर समायोजित होने से इसकी ताकत बढ़ जाती है। सिस्टम हैंग नहीं होता। प्रक्रिया की गति बढ़ती है।


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