Move to Jagran APP

प्रधानाध्‍यापिका हत्‍याकांड : गोरखपुर के 747 अपराधियों का खंगाला जाएगा विवरण

बीते 20 सितंबर को शाहपुर इलाके के बशारतपुर स्थित राजीवनगर कालोनी के आशियाना मोड़ पर बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने प्रधानाध्यापिका निवेदिता मेजर उर्फ डेविना व उनकी बेटी पर गोलियां बरसाई थीं। इससे निवेदिता की मौत हो चुकी है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 09:30 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 03:20 PM (IST)
प्रधानाध्‍यापिका हत्‍याकांड : गोरखपुर के 747 अपराधियों का खंगाला जाएगा विवरण
ये पुलिस जांच की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। निवेदिता हत्याकांड में पुलिस अब 747 अपराधियों के डोजियर (फाइल) से अपराधियों की तलाश में जुटी है। पुलिस घटना को लूट मानकर ही जांच कर रही है। इस लिए मौके के सीसीटीवी फुटेज की फोटो से पुलिस अपराधियों के हुलिया का मिलान कर रही है। इसमें जितने अपराधियों का हुलिया सीसीटीवी के फुटेज से मैच करेगा। पुलिस उनसे पूछताछ करेगी।

loksabha election banner

बीते 20 सितंबर को शाहपुर इलाके के बशारतपुर स्थित राजीवनगर कालोनी के आशियाना मोड़ पर बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने प्रधानाध्यापिका निवेदिता मेजर उर्फ डेविना व उनकी बेटी पर गोलियां बरसाई थीं। इससे निवेदिता की मौत हो चुकी है, जबकि डेल्सिया का लखनऊ में इलाज चल रहा है।

घटना के बाद से पुलिस करीब दर्जन भर लोगों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन अभी तक उसे कोई सफलता नहीं मिल सकी है। ऐसे में पुलिस अब अपराधियों के डोजियर को भी खंगाल रही है। वह यह मानकर चल रही है कि संभव है कि आरोपितों ने लूट की नीयत से गोलियां बरसाई हों। अपराधियों के डोजियर में गोरखपुर जिले के 747 लुटेरे, चेन स्नेचर, हत्यारोपित व अन्य शातिर अपराधियों की फोटो व उनका पूरा डिटेल है। ऐसे में जिनका हुलिया सीसीटीवी के फोटो से मैच करेगा। पुलिस ने उनसे पूछताछ करेगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार का कहना है कि इस प्रकरण में जांच चल रही है। हत्यारोपित जल्द ही पकड़े जाएंगे, लेकिन जब वह पकड़े न जाएं। यह कैसे बताया जा सकता है कि जांच किस दिशा में चल रही है।

करीबी को भी न पकड़ पाई पुलिस

पुलिस पहले एक करीबी को आधार बनाकर मामले की जांच करनी शुरू की थी। 10 दिनों में पुलिस संदिग्ध करीबी को नहीं ढूंढ पाई है। यहां तक पुलिस ने मृतक की बेटी से भी उसे लेकर पूछताछ किया था। बावजूद इसके अभी तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है।

क्‍याा है डोजियर

प्रत्‍येक अपराधियों की फाइल होती है। उसमें उसके अपराध करने से लेकर उसकी गिरफ्तारी और उसके संबंधों के बारे में पूरा विवरण होता है। समय-समय हुई गिरफ्तारी की फोटो भी फाइल में रहती है। यदि सीसीटीवी के माध्‍यम से वह कभी पकड़ा गया है तो सीसीटीवी फुटेज भी फाइल में रहता है। कुल मिलाकर अपराधियों का पूरा लेखा-जोखा से संबंधित फाइल को डोजियर कहते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.