विभागीय प्रबंधन फेल- गायब हो रहे पौधे, कैसे आएगी हरियाली
पौधरोपण अभियान के तहत पड़ोसी जिला संतकबीर नगर में बीते पंद्रह अगस्त को पौधे तो लगाए गए लेकिन ज्यादातर पौधे सूख गए।
By Edited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 10:48 AM (IST)
गोरखपुर, (जेएनएन)। पौधरोपण अभियान के तहत पड़ोसी जिला संतकबीर नगर में बीते पंद्रह अगस्त को करीब नौ लाख पौधे लगाएं गए थे। जिसमें विभिन्न विभागों के द्वारा लगाएं पौधों की सुरक्षा का समुचित प्रबंध न किए जाने से कई गायब हो गए। तीन माह में तीस फीसद से अधिक पौधे गायब हो गए। ऐसे में हरियाली पर संकट छाया हुआ है। पौध के गायब होने की जानकारी जिम्मेदारों को भी है लेकिन पौधों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार गंभीर नही है। इससे कि हरियाली पर संकट का बादल छाया हुआ है।
प्रदेश सरकार के द्वारा जनपद को हरा -भरा करने के लिए विगत 15 अगस्त को करीब नौ लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था। जनपद के सभी विभागों को पौधरोपण करने का लक्ष्य देकर पौधरोपण किया गया। इसमें पंचायत, शिक्षा, जल निगम, स्वास्थ्य, पीडब्लूडी, भूमि संरक्षण, बिजली, आरटीओ, विकास, वन विभाग समेत अनेक विभागो ने मिलकर एक साथ पौधरोपण किया गया। शीशम,नीम,बबूल, अरु, सहजन, यूकेलिप्टस, पापुलर, आम, अमरुद, सागौन, जामुन, आवला, बांस, महुआ समेत अनेक प्रजाति के पौध लगे थे।
अधिकारियों ने लगन से यह अभियान लिया जिसमें कि 9,14,538 पौधरोपण किया गया जो कि लक्ष्य कि तुलना में 116.81 फीसद है।
वन विभाग ने अकेले 111 स्थानों पर 3 लाख 80 हजार पौधरोपण किया था। इस महाअभियान में अधिकारियों ने अपनी वाहवाही तो ले ली लेकिन इन दिनों हालत यह है कि जमीन से पौध गायब हो रहे है। करीब तीस फीसद पौध गायब भी हो चुके है जब कि सरकार का निर्देश था कि पौधे की सुरक्षा के लिए स्थानीय आवश्यकता के अनुसार कटीले तार से घेराबंदी के साथ ब्रिकगार्ड लगाने का निर्देश था।
सबसे खराब हालत तो पंचायत विभाग की है जो कि ग्राम पंचायतों में पौधरोपण करवाई थी लेकिन देखरेख के अभाव में पौधे जमीन से गायब हो चुके है। रखी जा रही निगरानी डीएफओ टी रंगाराव ने कहा कि पौधों की निगरानी रखी जा रही है। हमारे पास जितना बजट था उससे सुरक्षा के व्यवस्था कर दी गई है। जहा तार नही लगे है वहां पर वाचरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है।
प्रदेश सरकार के द्वारा जनपद को हरा -भरा करने के लिए विगत 15 अगस्त को करीब नौ लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था। जनपद के सभी विभागों को पौधरोपण करने का लक्ष्य देकर पौधरोपण किया गया। इसमें पंचायत, शिक्षा, जल निगम, स्वास्थ्य, पीडब्लूडी, भूमि संरक्षण, बिजली, आरटीओ, विकास, वन विभाग समेत अनेक विभागो ने मिलकर एक साथ पौधरोपण किया गया। शीशम,नीम,बबूल, अरु, सहजन, यूकेलिप्टस, पापुलर, आम, अमरुद, सागौन, जामुन, आवला, बांस, महुआ समेत अनेक प्रजाति के पौध लगे थे।
अधिकारियों ने लगन से यह अभियान लिया जिसमें कि 9,14,538 पौधरोपण किया गया जो कि लक्ष्य कि तुलना में 116.81 फीसद है।
वन विभाग ने अकेले 111 स्थानों पर 3 लाख 80 हजार पौधरोपण किया था। इस महाअभियान में अधिकारियों ने अपनी वाहवाही तो ले ली लेकिन इन दिनों हालत यह है कि जमीन से पौध गायब हो रहे है। करीब तीस फीसद पौध गायब भी हो चुके है जब कि सरकार का निर्देश था कि पौधे की सुरक्षा के लिए स्थानीय आवश्यकता के अनुसार कटीले तार से घेराबंदी के साथ ब्रिकगार्ड लगाने का निर्देश था।
सबसे खराब हालत तो पंचायत विभाग की है जो कि ग्राम पंचायतों में पौधरोपण करवाई थी लेकिन देखरेख के अभाव में पौधे जमीन से गायब हो चुके है। रखी जा रही निगरानी डीएफओ टी रंगाराव ने कहा कि पौधों की निगरानी रखी जा रही है। हमारे पास जितना बजट था उससे सुरक्षा के व्यवस्था कर दी गई है। जहा तार नही लगे है वहां पर वाचरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है।
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