गोर्रा ने पार किया खतरे का निशान, 12 टोले पानी से घिरे
सरयू नदी खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर बह रही प्रशासन आपात स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद
जागरण संवाददाता, देवरिया : जिले में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गोर्रा नदी भी गुरुवार को खतरे का निशान पार कर गई। सरयू खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर बह रही है। इससे भदिला प्रथम, विशुनपुर देवार के 12 टोले बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। जिला प्रशासन ने विशुनपुर में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर लाने के लिए छह नावों का इंतजाम किया है। बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया है।
बरहज संवाददाता के अनुसार सरयू और राप्ती नदी के तीसरी बार बढ़ते जलस्तर ने तटवर्ती लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। सरयू नदी खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर पहुंच गई है। इस साल अब तक का सर्वाधिक जलस्तर है। सरयू नदी 67.60 मीटर पर बह रही है। खतरे के निशान 66.50 मीटर से 1.10 मीटर ऊपर है। 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। बुधवार को जलस्तर 67.50 मीटर पर था। राप्ती नदी के जलस्तर में भी वृद्धि हो रही है।
विशुनपुर देवार का स्कुलहिया टोला, कतलहिया टोला, हरिजन बस्ती, चौहान टोला, लोहार टोला, जरलहवा टोला, नई हरिजन बस्ती, किशुन टोला, जैतून टोला, संजय टोला, रामनरेश टोला, बांके टोला बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। ओम प्रकाश यादव, स्कुलहिया टोला के भोला, महेंद्र, भरत ने बताया कि टोला पानी से घिरा है। यहां की करीब एक हजार आबादी, 125 घर प्रभावित हैं।
भदिला प्रथम गांव के शिवचंद यादव, रणजीत यादव ने बताया कि गांव तीन माह से बाढ़ के पानी से घिरा है। सिर्फ पांच नाव लगाई गई हैं। ढाई हजार आबादी, दो सौ से अधिक घर हैं। एक सितंबर से बच्चों का विद्यालय खुल रहा है, उन्हें नाव से जान जोखिम में डालकर आना जाना पड़ेगा। कटलहिया टोला के रवींद्र, दीनानाथ ने बताया कि बाढ़ के पानी से पशुओं के लिए चारे की समस्या है। प्रशासन यहां छह नावों का इंतजाम किया है। पानी से घिरे टोलों पर कोई सहायता नहीं दी गई है। सबसे मुसीबत किरोसिन तेल नहीं मिलने से है। थानाघाट, संत रविदास घाट, बाबा बरहना घाट की सीढि़यां डूब गई हैं। थाना घाट पर सीढि़यों से ऊपर सरयू नदी का पानी पहुंच गया है।
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तीन सेक्टर में बंटी 12 बाढ़ चौकियां, 21 आश्रय स्थल बरहज : बाढ़ से निपटने के लिए बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। बाढ़ चौकियों व शिविरों पर कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। सरयू और राप्ती नदी का लगातार जलस्तर बढ़ रहा है।
क्षेत्र में बरहज, मईल, महेन तीन सेक्टर बनाया गया है। 12 बाढ़ चौकियां और 21 आश्रय स्थल बनाए गए हैं। बीआरडीबीडी पीजी कालेज बरहज, अनंत इंटर कालेज सतरांव, साधन सहकारी समिति महेन, साधन सहकारी समिति कपरवार, साधन सहकारी समिति मौना गढ़वा, साधन सहकारी समिति पैना, प्राथमिक विद्यालय परसिया देवार, प्राथमिक विद्यालय विशुनपुर देवार में बाढ़ चौकी बनी है।
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बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को सभी संसाधनों के साथ बाढ़ चौकियों पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। भदिला प्रथम में पांच और विशुनपुर देवार में छह नाव लगाई गई हैं। प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है।
संजीव कुमार यादव
उपजिलाधिकारी, बरहज
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राप्ती भी खतरे के निशान के करीब रुद्रपुर : दोआबा में नदियां उफान पर हैं। गोर्रा ने खतरे का निशान को पार कर लिया है। राप्ती भी लाल निशान के करीब है। गोर्रा खतरे के निशान 70.50 मीटर से 15 सेमी बढ़कर 70.65 मीटर पर प्रवाहित हो रही है। राप्ती खतरे के निशान से 15 सेंमी नीचे 70.35 मीटर पर बह रही है। 24 घंटे के दौरान दोनों के जलस्तर में 20 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई है। बुधवार की शाम गोर्रा 70.45 मीटर और राप्ती 70.15 मीटर पर बह रही थी। दोनों नदियों का डेंजर लेवल 70.50 मीटर है। अगर जलस्तर में ऐसे बढ़ोतरी होती रही तो तटवर्ती गांवों नरायनपुर औराई, बहोरादलपतपुर,पचलड़ी, पलिया, ईश्वरपुरा सहित मांझा-भीमसेन, पिड़रा-भुसउल, करनपुरा तटबंधों पर नदी का दबाव और बढ़ जाएगा।