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वित्त एवं लेखाधिकारी के गोरखपुर आवास पर एसटीएफ की दबिश

फर्जी अनुमोदन पर दो विद्यालयों में 12 शिक्षकों की नियुक्ति व भुगतान का मामला फरार फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाली पुलिस दे रही दबिश

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 05:36 AM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 05:36 AM (IST)
वित्त एवं लेखाधिकारी के गोरखपुर आवास पर एसटीएफ की दबिश

जागरण संवाददाता, देवरिया: जनपद में अनुदानित विद्यालयों में फर्जी अनुमोदन पर शिक्षकों की नियुक्ति कर करोड़ों रुपये के भुगतान के मामले का पर्दाफाश कर एसटीएफ आरोपितों की गिरफ्तारी में जुट गई है। सोमवार को एसटीएफ ने गोरखपुर के शाहपुर स्थित वित्त एवं लेखाधिकारी के आवास पर छापेमारी की। लेकिन वह एसटीएफ के हाथ नहीं लगे। उधर मामले की विवेचना कर रहे सदर कोतवाल ने फरार शिक्षकों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर दबिश दी। आरोपित शिक्षक भी पुलिस के हाथ नहीं लग सके।

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एसटीएफ ने लघु माध्यमिक विद्यालय मदरसन व सहदेव पूर्व माध्यमिक विद्यालय में फर्जी अनुमोदन पत्र के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति व भुगतान का पर्दाफाश किया है। जिसके बाद लघु माध्यमिक विद्यालय मदरसन में तैनात शिक्षक दिलीप कुमार उपाध्याय, राघवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, विमल कुमार शुक्ला, ब्रजेंद्र सिंह, शिक्षक दिलीप का भाई व खोराबार में शिक्षक अजीत कुमार उपाध्याय, बाहरी व्यक्ति और लेखाधिकारी का खास राजकुमार मणि, मलकौली पांडेयपुर में शिक्षक ओमप्रकाश मिश्र, वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय का पूर्व लिपिक जनार्दन उपाध्याय, वित्त एवं लेखाधिकारी जगदीश लाल श्रीवास्तव, सहदेव पूर्व माध्यमिक विद्यालय बाबू बभनी में तैनात शिक्षक रंजना कुमारी, विनय कुमार, जगदीश यादव, श्वेता मिश्रा, रंजना, नीतू रस्तोगी, सुरेंद्र यादव, कुमारी विमला यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले में विवेचना के दौरान बीएसए कार्यालय में तैनात चपरासी संजय व मुन्ना यादव का नाम प्रकाश में लाने के साथ ही पांच आरोपितों को जेल भेज दिया। लेखाधिकारी समेत 14 आरोपित फरार चल रहे हैं। एसटीएफ प्रभारी सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि शाहपुर स्थित लेखाधिकारी के आवास समेत कई जगहों पर दबिश दी गई है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। --

एसटीएफ ने बढ़ाया जांच का दायरा, आठ विद्यालय संदेह के घेरे में दो अनुदानित विद्यालयों में फर्जी अनुमोदन पर नियुक्ति व भुगतान का मामला पकड़े जाने के बाद एसटीएफ के जांच का दायरा बढ़ने लगा है। वित्त एवं लेखाधिकारी जगदीश लाल श्रीवास्तव व पूर्व में तैनात रहे वित्त एवं लेखाधिकारी के कार्यकाल में जिन विद्यालयों में अनुमोदन कराकर भुगतान किया गया है। वह सभी विद्यालय जांच के घेरे में आ गए हैं। आठ विद्यालय संदेह के घेरे में हैं। बीएसए से एसटीएफ ने जानकारी मांगी है। दायरा बढ़ते ही फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति करने वाले प्रबंधक व शिक्षकों में खलबली मची है। बीएसए कार्यालय जल्द पूछताछ करने पहुंचेंगी कोतवाली पुलिस एसटीएफ ने जिन पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। उन पांचों ने बयान में बीएसए कार्यालय के साहब व लिपिक पर आरोप लगाए हैं। एसटीएफ ने लिखा-पढ़ी में इसका जिक्र किया है। विवेचक कोतवाल राजू सिंह ने बताया कि बीएसए कार्यालय के कर्मचारियों के अलावा अधिकारियों का बयान दर्ज करेंगे।


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