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Deoria में दो दिन से लापता लोकतंत्र रक्षक सेनानी का रेलवे लाइन के किनारे झाड़ी में मिला शव

Deoria News राजाराम गुप्ता लोकतंत्र रक्षक सेनानियों की बैठक में शामिल होने के लिए घर से निकले और और दो दिनों तक गर वापस नहीं आए तो घरवाले परेशान हो गए। उनका शव मिलने के बाद पुलिस ने शिनाख्त के लिए काफी मशक्कत की।

By Pragati ChandEdited By: Published: Tue, 09 Aug 2022 04:08 PM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2022 04:08 PM (IST)
Deoria में दो दिन से लापता लोकतंत्र रक्षक सेनानी का रेलवे लाइन के किनारे झाड़ी में मिला शव
दो दिन से लापता लोकतंत्र रक्षक सेनानी का मिला शव। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

देवरिया, जागरण संवाददाता। दो दिन से लापता लोकतंत्र रक्षक सेनानी का शव सदर रेलवे स्टेशन के पूरब कसया ढाला के नजदीक झाड़ी में मिला है। उनके चेहरे पर चोट के निशान मिले हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मंगलवार को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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यह है मामला

मूलरूप से रुद्रपुर के नगर पालिका रोड गोला बाजार के रहने वाले 92 वर्षीय राजाराम गुप्ता शहर के सीसी रोड के पास मकान बनवाकर रहते थे। वह कलेक्ट्रेट परिसर में निजी टाइपिस्ट का काम भी करते थे। दो दिन पूर्व रविवार की सुबह करीब दस बजे वह घर से निकले। स्वजन के मुताबिक, उनको भीखमपुर रोड स्थित एक विवाह भवन में आयोजित लोकतंत्र रक्षक सेनानियों की बैठक में शामिल होना था। वह बैठक में भी नहीं पहुंचे और लापता हो गए। सोमवार को उनका शव कसया ढाला के नजदीक झाड़ी में पड़ा मिला।

काफी मशक्कत के बाद हुई शव की पहचान

शव की पहचान को लेकर पुलिस परेशान थी। शहर के कई वाट्सएप ग्रुप पर उनकी तस्वीर भेजकर शिनाख्त का प्रयास किया जा रहा था। सोमवार की रात में किसी व्यक्ति ने उनकी पहचान करते हुए पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने उनके पौत्र विकास को बुलवाकर शव की शिनाख्त कराई।

पांच पुत्रों के पिता थे राजाराम

लोकतंत्र रक्षक सेनानी पांच पुत्रों में दुर्गा प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद, विशंभर प्रसाद, अमरनाथ, अनिल गुप्ता शामिल हैं। दो पुत्र सीसी रोड तो तीन पुत्र नगर पालिका रोड पर मकान बनवाकर रहते हैं।

एक माह 25 दिन तक जेल में बंद रहे राजाराम

देश में 21 माह तक यानी 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल लगा था। देश में आपातकाल का विरोध करने वालों के विरुद्ध मेंटीनेंस आफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) व डोमेस्टिक इंसीडेंट रिपोर्ट (डीआइआर) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा था। राजाराम गुप्ता ने भी आपातकाल का विरोध किया तो उन्हें डीआइआर के तहत 20 जुलाई 1975 को गिरफ्तार कर लिया गया। वह एक माह 25 दिन जेल में निरुद्ध रहे। सीजेएम कोर्ट से जमानत मिलने पर वह बाहर आए थे।

क्या कहते हैं अधिकारी

एडीएम प्रशासन कुंवर पंकज ने बताया कि लोकतंत्र रक्षक सेनानी का शव कसया ढाला के पास मिला है। स्वजन ने बताया है कि वह मधुमेह के रोगी थे। भीखमपुर रोड में किसी बैठक में भाग लेने जा रहे थे। फिलहाल पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जाएगा।


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