बस्ती के एसपी पर भड़के कार्यकर्ता, कहा-हीन भावना से ग्रसित लोगों को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं Gorakhpur News
समाज को सुरक्षा देने वाले पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा किसी भी जाति अथवा समुदाय के खिलाफ अभद्र टिप्पणी किया जाना हीन भावना का प्रतीक है।
गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती जनपद में हुए एक हत्याकांड में तीन ब्राह्मणों को गिरफ्तार करने के साथ ही एसपी द्वारा जातिसूचक अभद्र टिप्पणी करने का मामला गरमाने लगा है। इसे लेकर गुरुवार को संतकबीर नगर में सवर्ण एकता परिषद ने विरोध जताते हुए एसपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
गृह मंत्री, राज्यपाल, मानवाधिकार आयोग को भेजा ज्ञापन
संतकबीर नगर में अखिल भारतीय सवर्ण एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र मणि त्रिपाठी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए राज्यपाल और देश के गृहमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। उपेंद्र मणि ने कहा कि समाज को सुरक्षा देने वाले पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा किसी भी जाति अथवा समुदाय के खिलाफ अभद्र टिप्पणी किया जाना कर्तव्यों के विपरीत कार्य है। ऐसा व्यक्ति किसी पद पर बने रहने के योग्य ही नहीं है। बस्ती के मामले में आरोपित यदि दोषी थे तो उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए थी। जाति को इंगित करके की गई एसपी की टिप्पणी निंदनीय है। हीन भावना से ग्रसित लोगों की तरह आचरण करने वालों के कारण ही समाज में बुराई पैदा होती है। ऐसे ही आचरण से जातिवाद को बढ़ावा मिलता है।
एसपी पर कार्रवाई की मांग
सभी ने गृह मंत्री और राज्यपाल से मामले की जांच करवाकर जाति विशेष के विरोध में कार्य करने वाले एसपी बस्ती पर कार्रवाई की मांग की। हेमंत तिवारी ने रामराज उर्फ गम्मज की हत्या के मामले की सीबीआइ जांच करवाने, निर्दोष व्यक्तियों को जातिगत विद्वेष से दोषी नहीं बनाए जाने के साथ ही एसपी बस्ती पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग को लेकर डीएम के ओएसडी को ज्ञापन दिया। इस दौरान शिवम शुक्ल,हेमंत तिवारी,कृष्ण कुमार राय,हरिनाथ उपाध्याय, रिंकू तिवारी, ओमप्रकाश पांडेय, राकेश पाठक, मृत्युंजय तिवारी, राहुल मिश्रा, काशीराम त्रिपाठी, शंभू शुक्ला, उज्ज्वल त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।