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Agriculture Bill Protest 2020: कृषि सुधार बिल के खिलाफ सड़क पर उतरे सपा, कांग्रेस और भाकियू कार्यकर्ता Gorakhpur News

Agriculture Bill Protest 2020 कृषि सुधार बिल के खिलाफ शुक्रवार को समाजवादी पार्टी कांग्रेस पार्टी भारतीय किसान यूनियन एवं वाम दलों ने अलग- अलग स्‍थानों पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कृषि सुधार बिल को तत्‍काल वापस लेने की मांग की है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 04:30 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:00 PM (IST)
कृषि सुधार बिल के खिलाफ पदर्शन करते कांग्रेसी।

गोरखपुर, जेएनएन। कृषि सुधार बिल के खिलाफ शुक्रवार को गोरखपुर-बस्‍ती मंडल के जिलों में कांग्रेस, सपा और भारतीय किसान यूनियन के कांग्रेसियों ने धरना-प्रदर्शन किया। सरकार से तत्‍काल इसे वापस लेने की मांग की।

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गोरखपुर में कांग्रेसियों ने नगर निगम में प्रदर्शन किया। कांग्रेसी बिल के विरोध में जुलूस निकालकर कलेक्‍ट्रेट की ओर निकले तो नगर निगम गेट पर पुलिस ने उन्‍हें रोक लिया। पुलिस और कांग्रेसियों में नोकझोंक भी हुई लेकिन पुलिस ने कांग्रेसियों को नगर निगम से बाहर नहीं निकलने दिया। जिलाध्‍यक्ष निर्मला पासवान के नेतृत्‍व में कांग्रेसी नगर निगम स्थित रानी लक्ष्‍मीबाई पार्क में इकट्ठा हुए और सभा करने के बाद कलेक्‍ट्रेट जाने का निर्णय लिया।

नए कृषि कानून के विरोध में भाकियू ने दिया धरना

इसी तरह से राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को नए कृषि बिलों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर नगर निगम के रानी लक्ष्मीबाई पार्क में धरना दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए। भाकियू के पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाया गया कृषि बिल किसानों को निजी कंपनियों का गुलाम बना देगा और किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जायेगा। अगर सरकार ने किसान विरोधी इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो बार-बार पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा। सतीश चंद्र ओझा ने कृषि कानून को 'काला कानून' बताते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दोगुनी आय का झांसा देकर किसानों को बर्बाद करने पर तुली है। जबकि इस कानून में कहीं भी यह गारंटी नहीं है कि सरकार किसानों की फसल को खरीदेगी। उन्होंने कहा कि देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन से यह साबित हो गया है कि नया कानून किसी भी लिहाज से किसानों के हित में नहीं है। जब बिल वापस नहीं लिया जाएगा तब तक आंदोलन चलता रहेगा, चाहे इसके लिए हमलोगों को कोई भी कुर्बानी देनी पड़े।

देवरिया में भी सपा, किसान सभा सहित कई संगठनों का प्रदर्शन

संसद में पास किसान सुधार बिल के विरोध में समाजवादी पार्टी, ऐपवा किसान सभा, समेत वामदलों ने शहर के सुभाष चौक पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बिल की प्रतियां जलाई गई और बिल को वापस लेने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि यह बिल किसान विरोधी है। कारपोरेट को बढ़ावा देने वाला है। इसे वापस लेने तक संघर्ष जारी रहेगा। इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों की नोकझोंक हुई। आंदोलनकारी प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका। इसे लेकर काफी बहस हुई। वहीं संतकबीर नगर में भी किसान बिल के विरोध में समाजवादी पार्टी और भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। दिन में करीब एक बजे सपा के दो दर्जन नेता जुलूस निकालकर कलेक्‍टेट पहुंचे और जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। उसके बाद भाकियू के कार्यकर्ताओं ने भी मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बिल को किसानों का दुश्‍मन बताया।


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