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बोर्ड परीक्षाफल : फल व सब्जी बेचने वालों की बेटियों ने रचा इतिहास

गोरखपुर शहर में फल का ठेला लगाने वाले की बेटी शिवानी गुप्ता तथा ग्रामीण क्षेत्र में सब्जी की दुकान लगाने वाले की बेटी श्वेता रानी ने इंटरमीडिएट में संयुक्त रूप से टॉप किया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 12:12 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 10:17 AM (IST)
बोर्ड परीक्षाफल : फल व सब्जी बेचने वालों की बेटियों ने रचा इतिहास
बोर्ड परीक्षाफल : फल व सब्जी बेचने वालों की बेटियों ने रचा इतिहास

गोरखपुर, जेएनएन। अभाव के प्रभाव ने एक बार फिर असर दिखाया है। गोरखपुर शहर में फल का ठेला लगाने वाले की बेटी शिवानी गुप्ता तथा ग्रामीण क्षेत्र में सब्जी की दुकान लगाने वाले की बेटी श्वेता रानी ने इंटरमीडिएट में संयुक्त रूप से टॉप किया है। 84.40 फीसद अंक प्राप्त करने वाली शिवानी सरस्वती विद्या मंदिर बालिका इंटर कॉलेज आर्यनगर उत्तरी एवं श्वेता कार्मल गल्र्स इंटर कालेज की छात्रा हैं। हाईस्कूल में जिला टॉप करने वाली सुंदरम मिश्रा के पिता की किताब की दुकान है।

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कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज की सुंदरम ने 92.83 फीसद अंक अर्जित किए हैं। इंटर में दूसरा स्थान पाने वाली निकहत तौफीक ने 84.40 एवं तीसरे स्थान पर रही फिजा वारिस ने 84.20 फीसद अंक प्राप्त किए हैं। हाईस्कूल में दूसरा स्थान पाने वाले मनोज कुमार आरएसी उच्‍चतर माध्यमिक विद्यालय मकटापार सहजनवां के रहने वाले हैं। उन्हें 92.33 फीसद अंक प्राप्त हुआ। तीसरे स्थान पर रहे अनूप कुमार निषाद एसडी इंटर कालेज हनुमानचक, बैजनाथपुर के छात्र हैं और 92.17 फीसद अंक अर्जित किया है।

माता-पिता के त्याग और बेटियों के हौसले ने दिलाई सफलता

इंटरमीडिएट में संयुक्त रूप से पहला स्थान प्राप्त करने वाली शिवानी व श्वेता की सफलता के पीछे जितना योगदान उनके हौसले का है, उससे तनिक भी कम योगदान उनके माता-पिता के त्याग का नहीं है। शिवानी के पिता हरिश्चंद्र गुप्ता का कहना है कि फल बेचकर जो आमदनी होती है, उसे ब'चों की पढ़ाई पर खर्च करते हैं। बीच में तबियत खराब होने से आमदनी कुछ कम हुई थी, लेकिन बेटियों की पढ़ाई पर असर नहीं होने दिया। श्वेता रानी के पिता दिलीप कुमार निषाद सब्जी बेचते हैं तथा मां निजी स्कूल में शिक्षक हैं। ब'चों की पढ़ाई के लिए उन्होंने सुबा बाजार में किराये पर एक कमरा लिया है। उसी में पूरा परिवार रहता है। बेटी की सफलता ने उन्हें गौरवान्वित किया है। दोनों टॉपर्स के पिता की पढ़ाई इंटरमीडिएट के बाद नहीं हो सकी।

गोरखपुर : हाईस्कूल में गोपाल व इंटर में सृष्टि ने किया टॉप

संतकबीरनगर के छात्र गोपाल मौर्य ने हाईस्कूल में जबकि इंटरमीडिएट में देवरिया की सृष्टि मौर्य ने गोरखपुर व बस्ती मंडल में टॉप किया है। पार्वती केआइसी सोनौरा के छात्र गोपाल ने प्रदेश में सातवां स्थान प्राप्त किया है। उन्हें 94.83 फीसद अंक प्राप्त हुए हैं। प्रेस्टीज इंटरमीडिएट कॉलेज की इंटर की छात्रा सृष्टि ने 91.60 फीसद अंक प्राप्त कर अपने जिले का सम्मान बढ़ाया है।

हाईस्कूल में दूसरा स्थान महराजगंज के आरपी इंटर कॉलेज बीजापार, सिसवा के छात्र अभय कुशवाहा ने प्राप्त किया है। अभय ने 94.17 फीसद अंक अर्जित किए। तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से तीन छात्र-छात्राओं ने कब्जा जमाया है। गोरखपुर के कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज की छात्रा सुंदरम मिश्रा, संतकबीरनगर के यूबीआइसी उमरिया बाजार की छात्रा स्वेता मौर्य तथा इसी जिले के पार्वती केआइसी सोनौरा के छात्र आदर्श शुक्ला ने 92.83 फीसद अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

इंटरमीडिएट में दूसरा स्थान देवरिया के डीएनएस एंड एसकेएस इंटर कॉलेज, पथरदेवा की छात्रा विभा ने प्राप्त किया। उन्होंने 90.40 फीसद अंक अर्जित किए। तीसरे स्थान पर सिद्धार्थनगर की अंशिका गुप्ता रहीं। बीएसएसके इंटर कॉलेज बुद्धनगर की इस छात्रा ने 90.20 फीसद अंक अर्जित किए।

ये हैं गोरखपुर के टॉप टेन

हाईस्कूल

1. सुंदरम मिश्रा, कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज - 92.83 फीसद

2. मनोज कुमार, आरएसीयूएम मकटापार, सहजनवां - 92.33 फीसद

3. अनूप कुमार निषाद, एसडीआइसी हनुमानचक बैजनाथपुर - 92.17

4. प्रकृति, कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज -  92 फीसद

5. अनुष्का सिंह, कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज - 91.50 फीसद

6. धर्मदेव, वीएनबीपी एचएसएस महराजगंज, गोरखपुर - 91.33 फीसद

6. नीरज यादव, शबनम मेमोरियल इंटर कॉलेज बड़हलगंज - 91.66

7. अनुप्रिया कन्नौजिया सेंट मेरी इंटर कॉलेज - 91.17 फीसद

7. अंजली गुप्ता, कमला सिंह गल्र्स इंटर कॉलेज, सहजनवां - 91.17 फीसद

8. श्रेयांशी चौहान, कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज - 91 फीसद

8. महिमा गुप्ता, एसवीएमबीआइसी आर्यनगर उत्तरी - 91 फीसद

9. अंजली सिंह सेंट मेरीज इंटर कॉलेज - 90.83 फीसद

10. श्रीविलास मिश्रा, एमजी इंटर कॉलेज - 90.67 फीसद

10. आयशा रिजवान, कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज - 90.67 फीसद

इंटरमीडिएट

1. श्वेता रानी, कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज - 84.60 फीसद

1. शिवानी गुप्ता, एसवीएमबीआइसी, आर्यनगर उत्तरी - 84.60 फीसद

2. निकहत तौफीक, कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज - 84.40 फीसद

3. फिजा वारिस, कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज - 84.20 फीसद

4. शिवांगी सिंह, कार्मल - 84 फीसद

5. प्रांजला प्राची, वीएम गल्र्स आइसी अशोक नगर - 83.80 फीसद

6. प्रियांशी श्रीवास्तव, कार्मल - 83.60 फीसद

6. संस्कृति सिंह, कार्मल-  83.60 फीसद

7. फातिमा अंसारी, ज्योति आइसी नाहरपुर - 83.40 फीसद

8. जीतू शर्मा, राजकीय जुबिली इंटर कालेज-  83 फीसद

8. इजहत जहान एसआरआरएसआइसी, उरुवा बाजार-  83 फीसद

8. दीपिका उपाध्याय, कार्मल, 83 फीसद

9. अंकित कुमार, एमजी इंटर कॉलेज - 82.80 फीसद

9. सृष्टि जायसवाल, कार्मल-  82.80 फीसद

10. अभिषेक मौर्य, राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज-  82.60 फीसद

10. वहाब अली सिद्दीकी, एमजी इंटर कॉलेज -  82.60 फीसद

10. संदीप कुमार, कोआपरेटिव इंटर कॉलेज, पिपराइच - 82.60 फीसद

10. अंजली सिंह, कोआपरेटिव इंटर कालेज, पिपराइच -  82.60 फीसद

10. नामिया जोहा, कार्मल - 82.60 फीसद

आइएएस बनना चाहती हैं शिवानी

इंटरमीडिएट की परीक्षा में संयुक्त रूप से टॉप करने वाली शिवानी आइएएस बनना चाहती हैं। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को आदर्श मानने वाली शिवानी सरस्वती विद्या मंदिर बालिका विद्यालय, आर्यनगर उत्तरी की छात्रा हैं। उनके पिता हरिश्चंद्र फल बेचते हैं तथा माता शारदा देवी गृहिणी हैं। दोनों बड़ी बहनें अंजली व नंदिनी तथा छोटा भाई शिवम पढ़ाई करते हैं।

इंजीनियर बनने की है श्वेता की इच्‍छा

कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज की छात्रा श्वेता रानी ने संयुक्त रूप से इंटर में टॉप किया है। उनके पिता दिलीप निषाद सब्जी बेचते हैं तथा माता मुनक्का देवी निजी स्कूल में पढ़ाती हैं। श्वेता का कहना है कि वह इंजीनियर बनना चाहती हैं, उन्हें उनके भाई अश्वनी से खूब मार्गदर्शन मिलता है। माता व पिता घर का काम नहीं करने देते, उनका जोर पढ़ाई करने पर है। उन्होंने कहा कि कठिनाईयां जरूर हैं लेकिन माता-पिता से हौसला मिल रहा है, कामयाब जरूर होंगे।

डॉक्टर बनना चाहती हैं निकहत

कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज की छात्रा निकहत तौफीक ने इंटरमीडिएट में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वह डॉक्टर बनना चाहती हैं। उनके पिता मो. तौफीक जंगल कौडिय़ा के उ'च प्राथमिक विद्यालय बेला में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत हैं। माता मो. शकीला खानम गृहिणी हैं। बहन लुबना खान महाविद्यालय में शिक्षक हैं। एक और बहन जुफेसान सहायक अध्यापक हैं।

भाई से मिली है डॉक्टर बनने की प्रेरणा

कार्मल गल्र्स इंटर कॉलेज की छात्रा फिजा वारिस डॉक्टर बनना चाहती हैं। उनके भाई सईद वारिस डॉक्टर हैं। फिजा को भी उन्हीं से प्रेरणा मिली है। उनके पिता खुर्शीद आलम सरकारी सेवा में हैं। उनका कहना है कि जब भी समय मिलता है, पढ़ाई करती हैं। एक अन्य भाई मसूद वारिस से उन्हें खूब मदद मिलती है।

डॉक्टर बन समाज की सेवा करना चाहती हैं सुंदरम

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में जिला टॉप करने वाली सुंदरम मिश्र बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हैं। इस पेशे के चुनने के पीछे उनका उद्देश्य समाज की सेवा करना है। कचहरी बस स्टेशन पर किताब की दुकान के मालिक टीके मिश्र और गृहिणी अंजू मिश्र की पुत्री सुंदरम ने कहा कि स्कूल में पढ़ाए गए कोर्स को घर पर भी रोज पढ़ती हैं। पढ़ाई के लिए कभी टाइम टेबल नहीं बनाया। उन्होंने सफलता का श्रेय माता-पिता व शिक्षकों को दिया है। 

सेना में अधिकारी बनना चाहते हैं मनोज

हाईस्कूल की परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले मनोज बड़े होकर अधिकारी बनना चाहते हैं। मनोज के पिता श्रीराम गीडा में मजदूरी करते हैं तथा मां करोड़ा देवी गृहिणी हैं। भीटी रावत संवाददाता से बातचीत में रामअधार चौरसिया इंटर कॉलेज मकटापार के छात्र मनोज ने बताया कि वह बड़े होकर सेना में अधिकारी बनना चाहते हैं। ग्राम हरदी, टोला सिहबरा के इस होनहार छात्र के बड़े भाई रवींद्र भूगोल से एमए हैं तथा नागेंद्र डिप्लोमा हैं।

माता-पिता के त्याग ने दिलाई सफलता

हाईस्कूल की परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले अनूप निषाद के पिता मुनीब निषाद व माता अनीता देवी मजदूर हैं। सरहरी संवाददाता से बातचीत में अनूप ने बताया कि उनकी सफलता का श्रेय उनके माता-पिता के त्याग को है। वे कभी कोई कमी महसूस नहीं होने देते। उन्होंने कहा कि वह इंजीनियर बनना चाहते हैं। स्कूल के शिक्षक मनीष के मार्गदर्शन व प्रबंधक रामसूरत यादव के सहयोग को भी उन्होंने सफलता का श्रेय दिया है।

दृष्टिबाधित छात्र ने प्राप्त किया 78 फीसद अंक

राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के दृष्टिबाधित छात्र रीतेश कुमार ने यूपी बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 78 फीसद अंक प्राप्त किया है। वह शुरू से ही दिव्यांग हैं। उनके प्रदर्शन पर संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेंद्र नाथ सिंह, डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, प्रधानाचार्य नंद कुमार ने बधाई दी है। कॉलेज के शिक्षकों के अनुसार रीतेश काफी होनहार छात्र हैं। अपने आत्म्विश्वास की बदौलत यह उपलब्धि हासिल की है। 


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