संतकबीर नगर में पिता के बाद बेटी भी कोरोना की चपेट में Gorakhpur News
गोरखपुर में भर्ती पॉजिटिव मरीज की 22 वर्षीय बेटी भी कोरोना संक्रमित निकली। यह संतकबीर नगर जिले की निवासी है।
गोरखपुर, जेएनएन। संत कबीरनगर जिले में शनिवार को 241 लोगों की जांच रिपोर्ट आई। इसमें 240 निगेटिव और एक युवती कोरोना पॉजिटिव निकली। जनपद में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या बढ़कर अब 158 हो गई है। बघौली ब्लाक के देवकली गांव के एक पिता के दो बेटे गैर प्रांत से आए थे। तबीयत बिगड़ने पर पिता को जिला संयुक्त चिकित्सालय के बाद खलीलाबाद ब्लाक के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सुधार न होने पर यहां से पांच जून को बीआरडी मेडिकल कालेज-गोरखपुर रेफर कर दिया गया था। जांच कराने पर ये कोरोना पॉजिटिव निकले थे। वर्तमान में उन्हें यहां पर एल टू वार्ड में भर्ती कराया गया हैं। इनके परिवार के आठ लोगों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। बाहर से आए दोनों भाई समेत सात लोग निगेटिव निकले। वहीं गोरखपुर में भर्ती पॉजिटिव मरीज की 22 वर्षीय बेटी भी कोरोना संक्रमित निकली। इन्हें सेंट थामस इंटर कालेज-खलीलाबाद के एल वन वार्ड में भर्ती करने की तैयारी चल रही है।
अब तीन घंटे में 11 सैंपल की हो जाएगी जांच
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में कोरोना के संदिग्ध 11 सैंपल की जांच महज तीन घंटे में हो जाएगी। यह संभव होगा उन दो नई ट्रूनेट मशीनों से जो एक साथ आठ सैंपल की जांच करेंगी। एक बार में एक सैंपल की जांच करने वाली तीन मशीनें मेडिकल कालेज में पहले से हैं। ट्रू नेट मशीनों का इस्तेमाल उन सैंपलों की जांच में होगा जो हाटस्पाट, रेड जोन, कंटेनमेंट जोन से आएंगे। संदिग्धों की जांच जल्दी हो जाने से संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा।
मेडिकल कालेज आने वाले संदिग्ध मरीजों को मर्ज के अनुसार वार्ड में शिफ्ट किया जाता था। जब तक उनकी कोरोना रिपोर्ट आती थी, तब तक कई लोगों में संक्रमण का खतरा बना रहता था। आठ डॉक्टरों समेत नौ लोग इस तरह से संक्रमित हो चुके हैं जिन्होंने कोरोना वार्ड में ड्यूटी भी नहीं की थी। कॉलेज प्रशासन ने इसी से सबक लेकर तय किया है कि संदिग्ध मरीजों की पहले कोरोना जांच होगी। पॉजिटिव आने पर कोरोना वार्ड में जबकि निगेटिव आने पर संबंधित वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा।
परिजनों को जल्द मिल जाएगा शव
संदिग्ध मरीजों की मौत के बाद शव सुपुर्द करने से पहले कोरोना की जांच कराई जाती है। इसमें परिजनों को सात-आठ घंटे इंतजार करना पड़ता है। अब ऐसे सैंपल की जांच तीन घंटे में हो जाएगी, जिससे परिजनों को शव जल्दी मिल जाएगा।
सीबी नेट व आरटीपीसीआर पर बढ़ा दबाव
मेडिकल कालेज में गोरखपुर-बस्ती मंडल से बड़ी संख्या में सैंपल आने से जांच का दबाव बढ़ गया है। सीबी नेट व आरटीपीसीआर (रीयल टाइम पालिमर चेन रियेक्शन) मशीन से जांच में छह घंटे लगते हैं। ऐसे में ट्रूनेट मशीनें मददगार साबित होंगी। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि एक ट्रूनेट मशीन एक बार में चार सैंपल की जांच करेगी। दो नई मशीनों और एक सैंपल की जांच करने वाली तीन अन्य मशीनों से इमरजेंसी में एक साथ 11 सैंपल की जांच हो जाएगी।