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चौपाल : नकली पिस्टल की असली सजा..

Dainik Jagran Gorakhpur Weekly column Choupal दैन‍िक जागरण गोरखपुर के साप्‍ताह‍िक कालम चौपाल में यहां पढ़ें गोरखपुर पुल‍िस व‍िभाग की हर वह खबर जो अभी तक पर्दे के पीछे हें। एक अलग अंदाज में जानें पुल‍िस व‍िभाग की हर गत‍िव‍िध‍ि।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 07:02 AM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 07:02 AM (IST)
चौपाल : नकली पिस्टल की असली सजा..
वर‍िष्‍ठ पुल‍िस अधीक्षक गोरखपुर का कार्यालय। - जागरण

गोरखपुर, जितेन्द्र पाण्डेय। दक्षिण के एक बदमाश का साथियों में रौब-दाब ठीक था। जुगाड़ से उसे एक पिस्टल भी मिल गई थी। उसका मुरचाया रूप रंग साथियों को दिखाकर वह शान से घूमता था। पिस्टल की हकीकत वह जानता था या पान की दुकान लगाने वाले नत्थू भइया। दोनों एक साथ पिस्टल से चिलम जलाते थे। कुछ दिन पूर्व उसका एक साथी की बारात में जाना हुआ। वहां किसी बात को लेकर घरातियों व बारातियों में मारपीट हो गई। सभी साथी उसके पास गए और बताए कि यहां से ऐसे गए तो पूरी बेइज्जती भी खराब हो जाएगी। बदमाश को गुस्सा थोड़ी देर से आया। तब तक घराती-बाराती शादी के लिए राजी हो गए थे। इसी समय बदमाश ने अपनी पिस्टल निकालकर जमकर बवाल किया। शादी टली। पहले बारातियों उन्हें कूटा। फिर दारोगा जी ने भी थाने में कुछ चमत्कार दिखाया। फिलहाल बदमाश खुश है। कहीं तो नकली पिस्टल काम आई।

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सुधर जाओ, नहीं तो जाओ छेदहिया बैरक

पुलिस के अभियान से सोमई काका भी परेशान दिख रहे हैं। हालांकि वह अपराध छोड़ चुके हैं। कभी उनका भी समय था। मजाल क्या जेब में कोई पांच सौ रुपये भी रखकर उनके चौराहे से गुजर जाए। रुपये तो जाते ही थे, हाथ-पैर भी टूटते। काका के पुराने कर्मों का फल है कि प्रत्येक पर्व से पहले उन्हें थाने का सिपाही मीङ्क्षटग में बुलाता है और साथियों के साथ निर्देश लेकर वह लौट आते हैं। थाने जाते समय काका के मन में हमेशा यह चलता रहता है कि कहीं ऐसा न हो कि पुलिस यहां से ले जाए और अगले दिन मुठभेड़ में उनका नाम आ जाए। काका के मोहल्ले में भी एक उभरता बदमाश है। एक दिन काका को देखकर उसने दूर से कहा कि इनकी एक्सपायरी भी खत्म हो चुकी है। काका से रहा नहीं गया। बोल पड़े सुधर जाओ नहीं तो तुम भी छेदहिया बैरक जाओगे।

तू डाल-डाल मैं पात-पात

दक्षिण की एक युवती को बिहार के एक युवक ने अपने झांसे में ले लिया। उसे फिल्मों में काम दिलाने के नाम पर अपने साथ बिहार लेकर गया। वहां ले जाकर उसका एटीएम हथिया लिया और उसके खाते से 80 हजार रुपये निकाल लिए। बेचारी को लगा कि अब तो उसका सब खत्म हो गया। उसने युवक पर भी वही दांव चला, जो पहले युवक ने चला था। उसने बताया कि घर पर ढेर सारे नकदी व जेवरात हैं। हम शादी कर लें तो सारे रुपये और जेवरात अपने। युवक युवती के झांसे में आ गया। वह उसके साथ बिहार से बहुत गया जिले में। युवती उसे लेकर अपने घर गई और युवक के ही मोबाइल से घर वालों को सूचना दी। घर पहुंचते ही युवती के घरवालों ने युवक को पोल से बांध दिया और जमकर पीटा। युवती ने उसे बताया कि तुम डाल-डाल तो मैं पात-पात।

पहले देखा तमाशा, अब करो भूसे का इंतजाम

चंदू चाचा को प्रधानी रास नहीं आ रही है। सौ जतन करके वह किसी तरह से ग्राम प्रधान बनें। गांव में कोई उनके सामने ही पेड़ काटे या सरकारी भूमि कब्जा करे, वह चुप ही रहते। यहां तक कि इस वर्ष लोगों ने जमकर अपने डंठलों में आग लगाई, पर चाचा कुछ न बोले। चाचा चाची को भी समझाते रहे कि किसी को खबर मत देना, सब अपने ही वोटर हैं। पिछले दिनों मंत्री जी आए और सभी जनप्रतिनिधियों से 10-10 ङ्क्षक्वटल भूसे की व्यवस्था करने के लिए कह गए। बड़े साहब ने सभी ग्राम प्रधानों को एक-एक ङ्क्षक्वटल भूसे का इंतजाम करने के लिए कहा है। चाचा परेशान हैं कि कहीं विधायक जी के लिए भी भूसे की व्यवस्था उन्हें ही न करनी पड़े। दो दिन से चाचा च‍िंता में हैं और अब यह कह रहे हैं कि पहले पता होता तो किसी को नहीं जला ने देते खेत।


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