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दुष्‍कर्म के आराेप से डगमगाई निषाद पार्टी की नैया, पार्टी को दिख रही सपा-बसपा की साजिश Gorakhpur News

महिला कार्यकर्ता द्वारा निषाद पार्टी के प्रदेश प्रभारी पर दुष्‍कर्म का आरोप लगाने के बाद निषाद पार्टी की नैया डगमगाने लगी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 10:26 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 03:43 PM (IST)
दुष्‍कर्म के आराेप से डगमगाई निषाद पार्टी की नैया, पार्टी को दिख रही सपा-बसपा की साजिश Gorakhpur News
दुष्‍कर्म के आराेप से डगमगाई निषाद पार्टी की नैया, पार्टी को दिख रही सपा-बसपा की साजिश Gorakhpur News

गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। नदी से जीवन-यापन करने वालों की पार्टी कही जाने वाली निषाद पार्टी की नाव साढ़े छह साल में ही डगमगाने लगी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद को बदलने की मुहिम के बीच प्रदेश स्तर की एक पदाधिकारी ने अध्यक्ष के बेटे व उत्तर प्रदेश के प्रभारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इससे पार्टी को कड़ा झटका लगा है।

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डॉ. संजय निषाद ने 13 जनवरी 2013 को निर्बल भारत शोषित हमारा आम दल यानी निषाद पार्टी की नींव रखी थी। शुरू से ही पार्टी ने आक्रामक रुख अख्तियार किया और आंदोलन का रास्ता पकड़ लिया। 16 अगस्त 2016 को निषाद पार्टी पंजीकृत हुई। यूं तो निषाद पार्टी में बगावत के सुर लोकसभा चुनाव के दौरान ही बुलंद होने लगे, लेकिन तीन सितंबर को पार्टी के कुछ नेताओं ने लखनऊ में बैठक कर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रुद्र सेना नाम से संगठन का गठन कर प्रदेश अध्यक्ष रामभारत निषाद, प्रदेश मंत्री राजा निषाद आदि ने कहा कि डॉ.संजय निषाद समाज की समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं। पार्टी के गठन के दौरान ही यह तय था कि खुद चुनाव लड़ेंगे लेकिन डॉ. संजय निषाद ने पहले सपा और फिर भाजपा के चुनाव चिह्न पर लोकसभा चुनाव लड़ा। ऐसी स्थिति में पार्टी का वजूद खत्म हो रहा है।

सपा-बसपा की साजिश का शिकार हो रहा हूं : संजय

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद का कहना है कि कुछ लोग मेरे खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। निजी मामले के लिए पार्टी की नीतियों को बदला नहीं जाता है। लोकसभा चुनाव में प्रभारी बना दिया तो ये लोग आसमान पर चढऩे लगे। अब काटने का समय आया तो अमृत खाने चलने लगे। मैं खराब था तो पांच साल तक क्यों मेरे साथ थे। सांसद कितनों की इच्‍छाओं को पूरा करेंगे। मैं सपा-बसपा की साजिश का शिकार हो रहा हूं। पार्टी के लोगों को मुख्यमंत्री से मिलवाया तो इन लोगों ने लाइजनिंग शुरू कर दी। प्रधानमंत्री के साथ मेरी फोटो देखी तो अखर गया। जो नेतृत्व संभालना चाहते हैं, वह पहले सीख तो लें।

ऐसे अस्तित्‍व में आई पार्टी

आरक्षण की मांग पर मिला था जबरदस्त समर्थन

सरकारी नौकरियों अनुसूचित जाति के कोटे से निषाद समाज को पांच फीसद आरक्षण की मांग शुरू करते ही निषाद पार्टी के समर्थक तेजी से बढऩे लगे थे। पहले ही पार्टी निषाद समाज के अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग कर रही थी। पार्टी ने सात जून 2015 को सहजनवां के कसरवल में ट्रेन रोकने की कोशिश की थी। इसमें एक युवक अखिलेश निषाद की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद पार्टी की चर्चा प्रदेश स्तर पर होने लगी।

पार्टी पदाधिकारियों पर दर्ज हुई थी रिपोर्ट

सहजनवां के कसरवल में रेल ट्रैक पर हुए आंदोलन में पुलिस ने 32 आंदोलनकारियों को अपने ही साथी की हत्या, तोडफ़ोड़, बलबा और आगजनी सहित दर्जनभर धाराओं में 32 नामजद और 2000 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर 31 को जेल भेज दिया था। तब राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद फरार हो गए थे। 15 दिसंबर 2015 को उन्होंने सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।

उपचुनाव में लोकसभा पहुंची निषाद पार्टी

गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद के इंजीनियर बेटे प्रवीण निषाद ने सपा के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल की तो पूरे देश में निषाद पार्टी की चर्चा होने लगी। गोरक्षपीठ के हाथ से कई साल बाद यह सीट निकली थी।

भाजपा में भी मिला लोकसभा में प्रतिनिधित्व

इस साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सपा से अचानक डॉ.संजय निषाद ने अलग होने का एलान कर दिया और नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ले ली। भाजपा ने सांसद प्रवीण निषाद को खलीलाबाद लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। प्रवीण निषाद को चुनाव में जीत मिली।

निषाद पार्टी का आंदोलन

1 फरवरी 2014 को लखनऊ में धरना-प्रदर्शन

17 फरवरी 2014 को लखनऊ में सीएम आवास का घेराव

7 जून 2015 गोरखपुर-लखनऊ रेल मार्ग जाम, कसरवल में अखिलेश निषाद की पुलिस की गोली से मौत

25 जुलाई 2016 स्वर्गीय फूलन देवी की पुण्य तिथि पर बड़ा कार्यक्रम

15 सितंबर 2016 सरकार बनाओ अधिकार पाओ रैली

2017 विधानसभा चुनाव में फूंका बिगुल

9 सितंबर 2017 रेल रोको आंदोलन

27 मार्च 2017 संसद घेरो आंदोलन

पार्टी से निष्कासित

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद ने बताया कि राष्ट्रीय महासचिव रमेश चंद्र केवट, कमलेश निषाद, राष्ट्रीय सचिव गिरिजा शंकर, डॉ. जसवंत निषाद, एकलव्य प्रांत के प्रांतीय अध्यक्ष हरिओम, अरविंद उर्फ राजा, देवेंद्र, झंगरू, अवधेश गौड़, राम बहादुर, डॉ. बृजेश, राम बहादुर, अवधेश गौतम, रामलाल, उर्मिला, शारदा, ओमपाल, सोनू, राधेश्याम, शिवपूजन और मानक राम को पार्टी विरोधी गतिविधियों का दोषी पाया गया था। इन सभी को निष्कासित कर दिया गया है।


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