डिजिटाइजेशन के दौर में पुख्ता साइबर सुरक्षा जरूरी
अपने वहां सूचना की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए सख्त कानूनों का अभाव है। इस दिशा में ठोस प्रसास किए जाने की जरूरत है।
गोरखपुर : भारत में सूचना की गोपनीयता को लेकर आयोजन में उतनी जागरूकता नहीं है, जितना कि अन्य विकसित देशों में है। सूचना की गोपनीयता को बरकरार रखने के लिए सख्त कानूनों का भी अभाव हैं। डिजिटाइजेशन के इस दौर में इस दिशा में ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
यह बात कही सीएसएसआरएल, पुणे के साइबर विशेषज्ञ इंजी. अनुभव कुमार लाल ने, जो एमएमएम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शुक्रवार से शुरू हुए दो दिनी साइबर सिक्योरिटी कार्यशाला में बतौर अतिथि अपने विचार रख रहे थे। इंजी. लाल ने साइबर सुरक्षा एवं डिजिटल इंडिया में सुरक्षा की जरूरत पर विस्तार से बात रखी। उन्होंने अमेरिका के न्यूयार्क राज्य का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां पर माता-पिता को भी अपने पुत्र या पुत्री बिना उनकी अनुमति के विद्यालय में उनके द्वारा प्राप्त अंकों की जानकारी नहीं दी जा सकती है।
कार्यशाला में अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. एसएन सिंह ने किया वर्तमान समय में साइबर सुरक्षा अत्यंत प्रासंगिक विषय है। प्रो. एसएन सिंह ने बताया कि आज जो मोबाइल हमारे पास है, उसके द्वारा हमारी हर पसंद -नापसंद की सूचना एकत्रित की जा रही हैं, जिसका उपयोग भविष्य में लक्षित विज्ञापन के लिए किया जा सकता है। यदि यह सूचना किन्हीं गलत हाथों में पहुंच गई तो हम किसी भयावह अपराध का शिकार हो सकते हैं। इससे पहले कार्यशाला की शुरुआत करते हुए समन्वयक दयाशकर सिंह ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। दो दिनी कार्यशाला के पहले दिन एमएमएम प्रौद्योगिकी विवि और सीएसएसआरएल के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर भी हुए। पहले दिन के अलग-अलग सत्रों में साइबर सुरक्षा से संबंधित विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर चर्चा हुई तो प्रतिभागियों के जिज्ञासा भी विशेषज्ञों ने शांत की।