Move to Jagran APP

खरीफ में प्याज की इन प्रजातियों की करें खेती, जमकर होगी पैदावार

खरीफ में प्‍याज की खेती अच्‍छी पैदावार देती है। समय से इसकी बुवाई सही बीजों का चयन और सही समय पर इसकी स‍िंचाई करके क‍िसान मालामाल हो सकतेे हैं। अच्‍छी तरह से खेती करने पर 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक इसकी उपज हो सकती है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 09:02 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 08:16 PM (IST)
खरीफ में प्याज की इन प्रजातियों की करें खेती, जमकर होगी पैदावार
खरीफ में प्‍याज की खेती करके क‍िसान मालामाल हो सकते हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। प्याज एक महत्वपूर्ण सब्जी है। यह कच्चे एवं पके हुए कंद दोनों के रूप में सब्जियों तथा मसाले के लिए प्रयोग किया जाता है। प्याज की खेती मुख्यत: रबी के सीजन में की जाती है, लेकिन खरीफ में भी प्याज का अच्छा उत्पादन किया जा सकता है। इसके लिए उचित प्रबंधन व खरीफ मौसम में उगाने वाली प्रजातियों का चयन किया जाए। भूमि व खेत की तैयारी प्याज की खेती बलुई दोमट भूमि, जिसमें कार्बनिक पदार्थों की मात्रा पर्याप्त हो। प्याज की खेती ऐसे खेतों में ही की जाए जिनमें जल निकासी की उचित सुविधा हो व वर्षा का पानी खेत में जमा न हो। ग्रीष्मकालीन गहरी जोताई के बाद रोपाई करने के लिए दो-तीन जोताई कल्टीवेटर से करके मिट्टी को भुरभुरी बना देना चाहिए।

loksabha election banner

खरीफ में उगाने वाली प्याज की प्रजातियां

एग्रीफाउंड डार्क रेड- यह किस्म रोपाई के 91 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है। इसका औसत उत्पादन 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।

एन-53 - यह किस्म रोपाई के 110 से 120 दिन में तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 250 क्विंटल इसकी पैदावार होती है।

अर्का निकेतन- यह किस्म 120 से 125 दिन बाद तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 350 क्विंटल इसका उत्पादन होता है।

अर्का कल्याण- यह रोपाई के 110 से 115 दिनों में तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 325 क्विंटल इसका उत्पादन होता है।

पौध तैयार करने का समय व विधि

जुलाई के प्रथम सप्ताह तक इसकी बोआई कर देना चाहिए। विलंब से बोवाई करने पर उत्पादन प्रभावित होता है। नर्सरी हेतु उपजाऊ, उपयुक्त जल निकास व सिंचाई की सुविधायुक्त भूमि का चयन करना चाहिए। करीब तीन किलोग्राम बीज प्रति एकड़ की पौध तैयार करने हेतु आवश्यकता होती है। तीन मीटर लंबी व एक मीटर चौड़ी व 15 सेंटीमीटर ऊंची नर्सरी बेड में 30 ग्राम बीज की बोआई करने से स्वस्थ पौधे तैयार होते हैं। खरीफ प्याज की नर्सरी बीज बोआई से 45 से 50 दिन में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है।

खाद एवं उर्वरक

प्रति एकड़ क्षेत्रफल हेतु 100 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद खेत की तैयारी के समय मिला देना चाहिए। इसके अतिरिक्त 40 किलोग्राम नाइट्रोजन 20 किलोग्राम फास्फोरस व 25 किलोग्राम पोटाश के साथ 10 किलोग्राम सल्फर बेंटोनाइट का प्रयोग करने से प्याज के बल्ब अच्छे आकार के बनते हैं। नत्रजन की एक तिहाई मात्रा रोपाई से पूर्व एवं शेष मात्रा दो बराबर भागों में बांटकर रोपाई के 30 और 45 दिन बाद टरपड्रेसिंग के रूप में देना चाहिए।

रोपड़ दूरी- तैयार पौध की रोपाई लाइन से लाइन 15 सेंटीमीटर एवं पौध से पौध की दूरी 10 सेंटीमीटर पर करने से प्याज के बल्वों का विकास अच्छा होता है।

खरपतवार नियंत्रण करने हेतु निकाई-गुड़ाई सबसे अच्छी विधा है इससे भूमि में पोलापन आता है। इससे प्याज के बल्ब बड़े आकार में बनते हैं। खरीफ प्याज की रोपाई अगस्त माह में करते हैं तो यह नवंबर-दिसंबर में खोदाई के लिए तैयार हो जाती है। इस समय बाजार में प्याज की कमी होने से खरीफ प्याज द्वारा अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। 

लेखक - डा.एसपी सिंह, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.