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पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी में करोड़ों का कारोबार, नाला जाम, सड़क बदहाल

रेती चौराहे से शेषपुर वार्ड शुरू हो जाता है। सड़क पर ट्रांसफार्मर से इस वार्ड की बदहाली दिखने लगती है। नागरिकों और व्यापारियों ने ट्रांसफार्मर हटाने के लिए कई बार संघर्ष किया पर कोई समाधान नहीं निकल सका।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 03:34 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 06:16 PM (IST)
गोरखपुर में गीता प्रेस के पीछे जाम नाला।

गोरखपुर, जेएनएन। शहर की बड़ी मंडियों को समेटने वाला वार्ड नंबर 67 शेषपुर सुविधाओं की तलाश में है। नाला जाम होने के कारण कई लोगों के घरों में पानी घुस जा रहा है तो प्रमुख मंडियों में शौचालय न होने के कारण खरीदारी करने पहुंचीं और दुकानों पर काम करने वाली महिलाओं को भटकना पड़ता है। मुख्य सड़क पर अतिक्रमण है तो गलियों में कबाडिय़ों का कब्जा होने के कारण हमेशा जाम बना रहता है। वार्ड की कई सड़कें टूट चुकी हैं। इनका बजट पास है पर काम कब शुरू होगा, कोई बता नहीं पा रहा है।

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रेती चौराहे से शेषपुर वार्ड शुरू हो जाता है। सड़क पर ट्रांसफार्मर से इस वार्ड की बदहाली दिखने लगती है। नागरिकों और व्यापारियों ने ट्रांसफार्मर हटाने के लिए कई बार संघर्ष किया पर कोई समाधान नहीं निकल सका। आगे बढऩे पर साहबगंज की ओर जाने वाली गली में कबाडिय़ों का कब्जा है। यहां तकरीबन चार साल पहले बना शौचालय जर्जर हो चुका है। गंदगी के कारण कोई व्यापारी यहां आना नहीं चाहता है। नाले पर ट्रांसफार्मर लगा देने से सफाई में भी दिक्कत होती है।

दीवान दयाराम में सफाई ठीक नहीं

दीवान दयाराम इलाका में सैकड़ों दुकानें हैं। यहां हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। संकरी गलियों में खुली दुकानों में करोड़ों का कारोबार होता है लेकिन सुविधा के नाम पर सफाई भी ठीक नहीं होती। पूरे इलाके में एक भी शौचालय न होने के कारण लोगों को भटकना पड़ता है।

पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं

शेषपुर वार्ड में अब तक पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो सकी है। माया सिनेप्लेक्स में पार्किंग की सुविधा है लेकिन वहां आने वाले खरीदारों से ही जगह भरी रहती है। पार्किंग न होने के कारण व्यापार पर असर पड़ रहा है। व्यापारी काफी समय से पार्किंग की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

एलईडी लाइट हो रही गायब

व्यापार वाला इलाका होने के कारण शेषपुर वार्ड में शाम होते ही सन्नाटा छाने लगता है। रात में ज्यादातर गलियों में कोई दिखता भी नहीं है। इसका फायदा उठाकर चोर पोल पर लगी एलईडी लाइट गायब कर दे रहे हैं। पार्षद ने कई बार नगर निगम में इसकी शिकायत की पर कुछ नहीं हुआ।

यह प्रमुख बाजार हैं

यहां के प्रमुख बाजारों में गीता प्रेस, शेषपुर, दीवान दयाराम, हिंदी बाजार, सराफा मंडी, कपड़ा मंडी, गल्ला मंडी और किराना मंडी आदि शामिल हैं।

क्‍या कहते हैं मोहल्‍ले के लोग

राजेश नेभानी का कहना है कि बाजार में महिला खरीदार और महिला कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है। इसके बाद भी शौचालय की व्यवस्था नहीं है। साहबगंज की ओर एकमात्र शौचालय जर्जर है। पार्किंग न होने से व्यापार प्रभावित हो रहा है। समस्या का समाधान होना चाहिए। नरेंद्र जायसवाल का कहना है कि नाले की सफाई न होने से जलभराव की समस्या बनी रहती है। साहबगंज में एक यूरिनल बनाया गया था लेकिन अब यह टूट चुका है। आसपास इतनी गंदगी है कि कोई उधर जाना ही नहीं चाहता है। करोड़ों का कारोबार होता है तो व्यवस्था भी अच्छी होनी चाहिए। शिव कुमार अग्रवाल का कहना है कि संकरी गलियों में दुकान है लेकिन इन गलियों की सड़कें भी ठीक नहीं हो पा रही हैं। वर्षों पहले बनी इंटरलाकिंग टूट चुकी है। सफाई न होने से व्यापारियों के साथ ही खरीदार भी परेशान रहते हैं। पार्किंग न होने से मंडी में ग्राहक भी कम होते जा रहे हैं। संजय अग्रवाल का कहना है कि मंडी से हर महीने कर के रूप में अच्छी-खासी धनराशि जमा होती है। नगर निगम को भी कर से आय होती है लेकिन सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है। बरसात के मौसम में दुकान में रखे सामान की हमेशा चिंता बनी रहती है। पार्षद संजीव सिंह का कहना है कि नाला साफ नहीं हो रहा है। इस कारण कई घरों में पानी घुस जा रहा है। सीवर सफाई के लिए जलकल से कई बार कह चुका हूं पर कोई नहीं सुन रहा। दो हजार से ज्यादा दुकानें हैं पर सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। कुछ सड़कों का बजट पास हुआ है, जल्द काम शुरू होगा।


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