बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा-भारतीय संस्कृति-सभ्यता की आलोचना छद्म बौद्धिकता Gorakhpur News
अंग्रेजी काल में भारतीयों में योजनाबद्ध ढंग से हीनताबोध का भाव भरा गया। उसी का परिणाम है कि हम अपनी ही उपलब्धियों को भूल गए।
गोरखपुर, जेएनएन। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने भारतीय संस्कृति, सभ्यता और गौरवशाली इतिहास की आलोचना करने वाले भारतीयों को छद्म बुद्धिजीवी करार दिया। कहा कि आज जो लोग अपने देश की व्यवस्था पर शर्म करने की बात करते हैं, भारतीय संस्कृति को कमतर बताते हैं, उन्हें प्रगतिशील नहीं कहा जा सकता। अंग्रेजी काल में भारतीयों में योजनाबद्ध ढंग से हीनताबोध का भाव भरा गया। उसी का परिणाम है कि हम अपनी ही उपलब्धियों को भूल गए। वह एमपी पॉलिटेक्निक के तीसरे दीक्षा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों से मुखातिब थे।
हमें प्राचीन ज्ञान से प्रेरित होने की जरूरत
बेसिक शिक्षा मंत्री ने सरगुजा (छत्तीसगढ़) के विख्यात लौह स्तंभ की अनूठी निर्माण शैली, अंगूठी से पार हो जाने वाली सिल्क की साड़ी जैसे उत्तम कारीगरी की चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को नवाचारों के लिए प्रोत्साहित किया। पुष्पक विमान की इंजीनियरिंग, उन्नत ज्योतिष विद्या आधारित पंचांग आदि का संदर्भ देते हुए कहा कि इस अद्भुत उन्नतशील इंजीनियरिंग व ज्ञान को याद रखने व इससे प्रेरित होने की जरूरत है।
शिक्षा तंत्र में हुए बदलावों की भी चर्चा
योगी सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद शिक्षा तंत्र में हुए बदलाव की बात कहते हुए विभिन्न सरकारी प्रयासों को गिनाया। मेडल प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या अपेक्षाकृत कम देख, बालिकाओं से आगे आने को कहा।
पुरातन छात्र भी हुए शामिल
इससे पहले बतौर अतिथि संस्थान के पुरातन छात्र और वर्तमान में डिप्टी चीफ इंजीनियर, पूर्वोत्तर रेलवे श्रीकृष्ण सिंह ने अपनी संघर्ष यात्रा की कहानियां सुनाकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने भारतीय संस्कृति में दीक्षा की महत्ता बताई। विशिष्ट अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो. एनपी भोक्ता ने विपरीत परिस्थितियों को अपनी मेधा, जुझारूपन और लगन से अनुकूल बना लेने की सीख दी।
छात्र-छात्राएं सम्मानित
सत्र 2018-19 के विभिन्न पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। प्रधानाचार्य मेजर पाटेश्वरी प्रसाद ने उपस्थित जनों को कॉलेज की उपलब्धियों से अवगत कराया।