पूर्वांचल में Coronavirus से हालत चिंताजनक, जानें-किस जिले में कितने लोग हैं संक्रमित Gorakhpur News
गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों में संक्रमितों की सर्वाधिक संख्या गोरखपुर में है। बाकी जिलों में भी संक्रमितों की संख्या कोई कम नहीं है। हालत काफी चिंताजनक है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए तमाम उपाय अपनाने के बावजूद मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों में संक्रमितों की सर्वाधिक संख्या गोरखपुर में है। शुरुआती दौर में बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर में मरीज ज्यादा थे, लेकिन पूल टेस्टिंग शुरू होने के बाद गोरखपुर में मरीजों की तादाद 528 पहुंच गई। यहां रोजाना 15 से 20 नए मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग चिंता में पड़ गया है।
31 मार्च को पहले मरीज की हुई थी पुष्टि
गोरखपुर-बस्ती मंडल में कोरोना के पहले मरीज की पुष्टि 31 मार्च को हुई थी। बस्ती के इस संक्रमित युवक की गोरखपुर मेडिकल कालेज में मौत हुई थी। इसके बाद तो कोरोना ने दोनों मंडल के सातों जिलों को अपनी चपेट में ले लिया। तीन माह में यहां संक्रमितों की संख्या तकरीबन 2200 हो गई है। अप्रैल-मई में बस्ती मंडल में जब संक्रमण तेजी से फैल रहा था, तब गोरखपुर में एक-दो केस ही सामने आ रहे थे। लेकिन, जून आते-आते गोरखपुर में पॉजिटिव मामले बढऩे लगे। वर्तमान में औसतन 18 से अधिक कोरोना पॉजिटिव रोजाना सामने आ रहे हैं। अबतक एक दिन में सर्वाधिक मरीजों की संख्या 31 रही है। स्वास्थ्य विभाग ने बचाव, प्रचार-प्रसार व जागरूकता कार्यक्रमों में तेजी लाई है, लेकिन संक्रमण फैलने की रफ्तार इससे ज्यादा है।
जिला संक्रमित मरीजों की संख्या
गोरखपुर 528
देवरिया 299
कुशीनगर 210
महराजगंज 242
बस्ती 389
संतकबीरनगर 331
सिद्धार्थनगर 288
संक्रमणमुक्त करने का चल रहा प्रयास
इस संबंध में सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि जिले को संक्रमण मुक्त करने के लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा। जागरूकता अभियान चल रहा है, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर रोकथाम ज्यादा प्रभावी होगा। मास्क न लगाने और शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करने वालों के पॉजिटिव होने का खतरा ज्यादा है।
सीएमओ ने किया पिपराइच सीएचसी का निरीक्षण
सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी पिपराइच के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचे। उन्होंने पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया। इंसेफ्लाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर में कोई मरीज भर्ती नहीं था। उन्होंने कहा कि जो मरीज आए, उसे यहां भर्ती कर इलाज किया जाए। यहां से रेफर होने के बाद ही वह मेडिकल कॉलेज जाएगा। सीएमओ स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे तो बाहर से हेल्प डेस्क नजर नहीं आ रहा था। उन्होंने हेल्प डेस्क को ऐसी जगह लगाने का निर्देश दिया, जहां से वह बाहर से ही नजर आए। इसके बाद उन्होंने अगया व उस्का गांव में जाकर पांच जून से चल रहे कोविड 19 स्पेशल सर्विलांस अभियान का निरीक्षण किया। कई घरों में गए और पूछा कि यहां स्वास्थ्यकर्मी आए थे या नहीं, उन्होंने कोरोना के बारे में कोई जानकारी दी थी या नहींं। नागरिकों ने स्वास्थ्यकर्मियों के आने की पुष्टि की। उन्होंने एक शुगर के मरीज का हालचाल भी पूछा। मरीज ने बताया कि उसे समय से दवा मिल जाती है।