Move to Jagran APP

दूसरी लहर में छह गुना अधिक तेज थी कोरोनावायरस का कहर, पांच गुना ज्यादा हुईं मौतें

कोरोना संक्रमण पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में छह गुना ज्यादा तेज था। केवल संक्रमितों की संख्या में ही इजाफा नहीं हुआ मौतें भी पांच गुना अधिक हुईं। फिलहाल अब गोरखपुर में केवल 55 सक्रिय मरीज रह गए हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 08:02 AM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 08:02 AM (IST)
दूसरी लहर में छह गुना अधिक तेज थी कोरोनावायरस का कहर, पांच गुना ज्यादा हुईं मौतें
कोरोनावायरस की दूसरी लहर पहली से छह गुना अधिक खतरनाक थी। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में कोराेना का कहर छह गुना ज्यादा तेज था। पहली लहर में एक साल में इस वायरस ने जो घाव दिया, उससे कई गुना दूसरी लहर ने मात्र तीन माह में दे दिए। केवल संक्रमितों की संख्या में ही इजाफा नहीं हुआ, मौतें भी पांच गुना अधिक हुईं। फिलहाल संकट भले टल गया हो, लेकिन सावधानी हटते ही खतरा बढ़ सकता है। जिले में केवल 55 सक्रिय मरीज रह गए हैं।

loksabha election banner

पहली लहर के एक साल पर भारी पड़ गए दूसरी के तीन माह

पहली लहर बहुत सामान्य ढंग से आई। 26 अप्रैल 2020 को जिले में पहला मरीज मिला था। इसके बाद धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ी। सबसे ज्यादा 420 मरीज नौ सितंबर को मिले थे। इस साल 15 मार्च को संक्रमितों की संख्या शून्य थी। इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ने लगी। अप्रैल आते-आते दूसरी लहर का असर साफ दिखने लगा। दशहत का माहौल पैदा हो गया।

सात मई को 24 घंटे में सबसे ज्यादा 1463 मरीज मिले थे। हालांकि इसके बाद धीरे-धीरे संख्या कम होने लगी और जून आते-आते कोरोना पूरी तरह नियंत्रण में आ गया। लेकिन इन्हीं तीन महीनों में इसका जो भयानक रूप दिखा, उसकी याद करके भी सिहरन पैदा हो जाती है। अस्पताल फुल थे। मरीजों को जगह नहीं मिल पा रही थी। आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं थी। रेमडेसिविर दवा खोजे नहीं मिल रही थी। लोग बेवश हो गए थे। चाहकर भी अपने स्वजन का समुचित इलाज न करा पाने की विवशता ने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था।

पहली लहर

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक कुल 21768 लोग संक्रमित हुए थे। 367 की मौत हुई थी।

प्रतिमाह औसत 1814 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी और 30 लोगों की मृत्यु।

दूसरी लहर

केवल तीन माह- इस साल अप्रैल, मई व जून में 36612 लाेग संक्रमित हो गए थे और 475 की मौत हुई थी।

औसत एक माह में 12204 लोग संक्रमित हुए और 158 की मौत हुई।

कम समय में क्यों कम हो गया दूसरी लहर का प्रभाव

बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. अमरेश सिंह बताते हैं कि सामान्यतया दूसरी लहर में कोरोना में लोगों को संक्रमित करने की क्षमता कई गुना ज्यादा थी। कम समय में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए। उनमें प्रतिरोधक क्षमता विकिसित हो गई। इसलिए दोबारा वे संक्रमित नहीं हो सकते थे। ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की वजह से दूसरी लहर का प्रभाव मात्र तीन माह में ही काफी कम हो गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.