कोविड प्रोटोकाल की नई गाइडलाइन, जानें- पाजिटिव होने के कितने दिन बाद निकल सकते हैं घर से
Corona Positive Treatment स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित में कोई लक्षण नहीं हैं तो उन्हें भी सात दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद भी यदि कोई लक्षण नहीं हैं तो परेशान न हों। एक हफ्ते तक घर में खुद को सबसे दूर रखें और फिर मास्क पहनकर सामान्य दिनचर्या में आ सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमितों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। लक्षण न मिलने वाले संक्रमितों को एक सप्ताह बाद कोई जांच नहीं करानी होगी।
95 प्रतिशत से अधिक घर में ही हो रहे हैं तेजी से स्वस्थ
कोरोनो संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राहत की बात यह है कि ठीक होने वालों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। अब तक मिले संक्रमितों में 95 प्रतिशत से अधिक घर में ही आइसोलेट हैं। डाक्टरों का कहना है कि पहले से कोई गंभीर बीमारी नहीं है तो संक्रमण फेफड़े तक नहीं पहुंच रहा है। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण तेजी से खत्म भी हो रहा है।
14 दिन बाद फिर संक्रमण तो नए मरीज के रूप में दर्ज होंगे
कोरोना संक्रमितों के लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित में कोई लक्षण नहीं हैं तो उन्हें भी सात दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। 14 दिन बाद स्वस्थ्य हुए व्यक्ति की रिपोर्ट फिर पाजिटिव आती है तो उसे नए मरीज के रूप में दर्ज किया जाएगा।
एसपीओटू 94 तो कोई समस्या नहीं
स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद यदि सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो खून में आक्सीजन की जानकारी के लिए एसपीओटू जरूर देखें। यदि एसपीओटू 94 है तो कोई दिक्कत नहीं है। हल्का बुखार है तो भी मरीज होम आइसोलेशन में रह सकता है। यदि मरीज की स्थिति बिगड़ती है तो उसे 108 एंबुलेंस से कोविड अस्पताल पहुंचाया जाएगा। संक्रमित मरीज को लगातार तीन दिन तक बुखार न आने पर सातवें दिन होम आइसोलेशन से मुक्त किया जाएगा।
इन्हें भर्ती किया जाएगा लेवल दो व तीन अस्पताल में
कैंसर, एचआइवी, कम प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीज यदि संक्रमित होंगे तो उन्हें लेवल दो या लेवल तीन अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के 300 बेड के कोविड अस्पताल में पांच मरीज भर्ती भी हैं।
इन्हें घर रहने की नहीं है अनुमति
60 वर्ष से अधिक उम्र के हाइपरटेंशन, शुगर, हृदय, फेफड़े, लिवर, किडनी के मरीज, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, अंग प्रत्यारोपण, कैंसर रोगी को संक्रमण की पुष्टि के बाद अस्पताल में ही रखना है। यदि बहुत जरूरी होगा तो डाक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी।
संक्रमितों की लगातार निगरानी की जा रही है। जिले के 95 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में हैं। सभी नागरिक हर हाल में कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करें। - डा. आशुतोष दुबे, सीएमओ।
एक क्षय रोगी 15 लोगों को करता है संक्रमित
क्षय रोग (टीबी) के लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में निश्शुल्क जांच व दवाओं की पूरी व्यवस्था है। एक संक्रमित 15 स्वस्थ व्यक्तियों को टीबी का रोग दे सकता है। ऐसी स्थिति में टीबी की जांच जरूर कराएं और पुष्टि होने पर इलाज में लापरवाही न बरतें।
यह बातें सीएमओ डा. आशुतोष दुबे ने आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत प्रेरणा श्री सभागार में हुए कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि लक्षण दिखते ही टीबी मरीज की जांच हो और दवा शुरू हो जाए। याद रखें, दवा बीच में नहीं बंद होनी चाहिए, वरना इलाज में काफी लंबा समय लग जाता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. रामेश्वर मिश्र ने बताया कि टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) के तहत जिन घरों में टीबी के रोगी हैं उनके परिवार केहर सदस्य को तीन महीने तक निश्शुल्क दवा खिलाई जाएगी। इस काम में आशा कार्यकर्ताओंं की मदद ली जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मेडिकल कंसल्टेंट डा. सौरभ श्रीवास्तव ने टीबी के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, जिला पीपीएम अभय नारायण मिश्र, मिर्जा आफताब बेग, पाथ संस्था से सलाहकार डा. नीरज पांडेय, इंद्रनील, गोविंद आदि मौजूद रहे।