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कांग्रेसी पार्षद ने प्रदेश महासचिव पर लगाए आरोप, पार्टी से इस्तीफे की धमकी Gorakhpur News

उन्होंने कहा कि दुःख इस बात का है कि एक ऐसे व्यक्ति को महानगर अध्यक्ष बनाया गया है जो भाजपा व आरएसएस की गतिविधियों में भी लगातार शामिल रहते हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:30 AM (IST)
कांग्रेसी पार्षद ने प्रदेश महासचिव पर लगाए आरोप, पार्टी से इस्तीफे की धमकी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कांग्रेस पार्टी में मची अंदरुनी रार कम होने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व महासचिव के बाद अब तीन बार से पार्षद रहे संजीव सिंह सोनू ने प्रदेश महासचिव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफे की धमकी दी है। राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को लिखे पत्र में संजीव सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव विश्वविजय सिंह पार्टी के कुछ बड़े लोगों का संरक्षण पाकर कांग्रेस पार्टी के साथ लगातार विश्वासघात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज़िलाध्यक्ष निर्मला पासवान जिन्होंने  2017 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी का प्रचार किया है उनके कारण भी ज़िला कमेटी में विवाद बढ़ता जा रहा है। नए महानगर अध्यक्ष के मनोनयन को लेकर भी कांग्रेसियों में भारी आक्रोश है।

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भाजपा के गढ़ में 15 वर्ष से लगातार पार्षद हैं सोनू सिंह

संजीव सिंह( सोनू ) ने कहा कि वह नगर निगम से इकलौते कांग्रेसी पार्षद हैं। वह पिछड़ी जाति से (सैंथवार) आते हैं । भाजपा के गढ़ गोरखपुर में वार्ड नंबर 67 से लगातार 15 वर्षों से पार्षद का चुनाव जीतकर महानगर में कांग्रेस का झंडा बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2005 में राहुल गांधी जब गोरखपुर विश्वविद्यालय में लगे शिविर में आए थे, उस समय वह भी उनके साथ शिविर में सम्मिलित थे। अपनी बेदाग़ छवि, मेहनत, व्यवहार व कार्यकुशलता से मुख्यमंत्री के शहर व नगर निगम गोरखपुर में इकलौते कार्यकारणी सदस्य के रूप में भी पार्टी का मान बढ़ा रहे हैं। साथ ही लगातार 20 वर्षों से कांग्रेस पार्टी द्वारा निर्देशित महानगर में पार्टी के हर कार्यक्रम, धरना-प्रदर्शन व बैठक आदि में लगातार सक्रिय रहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों लखनऊ व दिल्ली में प्रियंका गांधी से हुई मुलाक़ात में उनके कार्यों की खूब सराहना भी की गई थी। महानगर अध्यक्ष के लिए उनका नाम भी पैनल में प्रस्तावित था लेकिन उन्हें महानगर अध्यक्ष नहीं बनाया गया। संजीव सिंह सोनू ने कहा कि उन्हें इस बात का जरा सा भी दुःख नहीं है कि उन्हें महानगर अध्यक्ष नहीं बनाया गया।

शहर अध्यक्ष पद के योग्य नहीं

उन्होंने कहा कि दुःख इस बात का है कि एक ऐसे व्यक्ति ( आशुतोष तिवारी) को महानगर अध्यक्ष बनाया गया है जो भाजपाई पदाधिकारी के विद्यालय में नौकरी करते हैं तथा भाजपा व आरएसएस की गतिविधियों में भी लगातार शामिल रहते हैं। आशुतोष तिवारी गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं, जो शहर अध्यक्ष के लिए कहीं से काबिल नहीं है। व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए आशुतोष तिवारी कांग्रेस के साथ- साथ भाजपा के कार्यक्रम में भी लगातार शामिल रहते हैं, ऐसे व्यक्ति को महानगर अध्यक्ष बनाए जाने से इनकी कर्तव्य निष्ठा पर सन्देह तो रहेगा ही। आशुतोष तिवारी द्वारा पार्टी के साथ भितरघात व विश्वासघात भी किया जा सकता है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को गुमराह करके प्रदेश महासचिव विश्वविजय सिंह, महासचिव द्वारा महानगर अध्यक्ष बनवाया गया है।

विश्वविजय पर लगाया विश्वासघात का आरोप

पार्षद संजीव सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव विश्वविजय सिंह पर जबर्दस्त हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सोशल मीडिया पर कांग्रेस की काफ़ी किरकिरी हो रही है, लोग दुःखी होकर धीरे-धीरे पद व पार्टी से त्यागपत्र दे रहे हैं। विश्वविजय सिंह कांग्रेस के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। विश्वविजय सिंह कांग्रेस से वर्ष 2012 में सहजनवा विधानसभा से चुनाव लड़े और 1900 वोट पाए। चुनाव हारने के बाद वह लगातार सात वर्षों तक भाजपा व बसपा के लिए काम करते रहे। इस दौरान वह कभी भी और कहीं भी कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में न तो शामिल रहे और न ही पार्टी की बेहतरी में कोई रुचि दिखाई। अचानक जुगाड़ के आधार पर इन्हें उत्तर प्रदेश कमेटी का महासचिव बना दिया गया। विश्वविजय सिंह गोरखपुर सहित अपने प्रभार वाले जिलों में कांग्रेस पार्टी को कमज़ोर कर रहे हैं। उनकी भाजपा से सांठगांठ चल रही है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी क्षति पहुंचाने एवं भाजपा को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से विश्वविजय सिंह भाजपा से बड़ी डील कर चुके हैं। विश्वविजय सिंह गोरखपुर के एक भाजपा एमएलसी के पूर्णकालिक प्रतिनिधि भी रह चुके हैं। ऐसी स्थिति में अनुरोध है कि उपरोक्त प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच करायी जाए, अन्यथा की दशा में कांग्रेस पार्टी से त्याग पत्र देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा। संजीव सिंह सोनू ने गोरखपुर जिले की सभी इकाइयां भंग करने की मांग की है।


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