पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से जुड़ी यादों को सहेजने में जुटे भाजपाई
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर भाजपाई ने अपने अनुभव शेयर किया। उनसे जुड़े संस्मरणों को लोगों ने एक दूसरे से साझा किया।
गोरखपुर, जेएनएन। सुषमा स्वराज के दुनिया छोड़ने की खबर भाजपा के स्थानीय नेताओं को पूरे दिन सालती रही। दुखी भाव से वह अपने साथियों से उनसे जुड़े संस्मरणों को साझा करते रहे। शोक सभा कर श्रद्धांजलि का सिलसिला चलता रहा।
शोक सभा का मुख्य आयोजन पार्टी के बेनीगंज कार्यालय पर हुआ, जहां सुषमा स्वराज के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि की गई। क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेद्र सिंह ने कहा कि सुषमा भाजपा नहीं अपितु पूरे देश की नेत्री थीं। महानगर अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि कुशल नेतृत्व एवं उत्कर्ष कार्यकुशलता के लिए सुषमा जी हमेशा स्मरणीय रहेंगी। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रमेश सिंह ने कहा कि उनके योगदान को भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता कभी भूल नहीं सकेगा। सभा को बृजेश मणि मिश्र, हरीनाथ भाई, ओमप्रकाश शर्मा, देवेश श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान शशिकांत सिंह, सत्यपाल सिंह, रणविजय शाही, प्रेमनाथ शुक्ल, मुरली मनोहर चौरसिया, विशाल पांडेय आदि मौजूद रहे। संचालन रमेश प्रताप गुप्ता ने किया।
भाजयुमो ने दी श्रद्धांजलि
भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से बिलंदपुर में शोक सभा हुई। इसमें सुषमा को श्रद्धांजलि देते हुए क्षेत्रीय अध्यक्ष रणजीत राय बड़े ने कहा कि सुषमा स्वराज ने अपनी कर्मठता, वाकपटुता एवं देश सेवा के भाव से भारतीय राष्ट्रीय राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ी।
ममतामयी स्नेहिल भाव के सभी थे कायल
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ल का कहना है कि 1996 के विधानसभा चुनाव में वह उनके लिए कौड़ीराम में सभा करने आई थी। इसके अलावा लगभग हर चुनाव में उनका आना होता रहा था। जब भी वह आतीं, उनके ममतामयी स्नेहिल भाव के सभी कायल हो जाते थे। ऐसी मां सरीखी अगुआ का जाना बहुत खल रहा है।
छह साल बाद देखा और पहचान गई
एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया, गोरखपुर के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर विजय कुमार कौशल का कहना है कि 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान सुषमाजी का गोरखपुर हवाई अड्डे पर आना हुआ था। उनका आग्रह था कि पैर में बहुत दर्द है, ऐसे में उनके लिए गाड़ी की व्यवस्था कर दी जाए। मैं उन दिनों एयरपोर्ट पर था, सो उनके सामने इंडियन ऑयल की गाड़ी के इस्तेमाल का विकल्प रखा और वह तैयार हो गई। 2015 में जब वह फिर आई तो एक बार में मुझे पहचान गई।
महिलाओं की आन-बान-शान थी सुषमा
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी का कहना है कि सुषमा स्वराज कुशल प्रशासक के साथ-साथ एक सहज राजनेता थीं। महिलाओं की तो वह आन, बान और शान थीं। अपनी कुशल कार्यक्षमता की वजह से ही उन्हें पूरे देश की जनता का निरंतर स्नेह मिला और जनता भी उनके स्नेह से हमेशा अभिभूत रही। यही वजह है कि उनके निधन से पूरा देश मर्माहत है।
सुषमा स्वराज के निधन पर जताया शोक
सुषमा स्वराज के निधन पर शिक्षकों ने शोक जताया। राजकीय जुबिली इंटर कालेज के डॉ. राजेश चंद्र गुप्त ने कहा कि वह एक प्रखर वक्ता थीं। क्रीड़ाध्यक्ष अरुणेंद्र राय ने कहा कि सुषमा अब तक की सबसे लोकप्रिय विदेश मंत्री रहीं। उनका असमय जाना काफी दुखदायी है।
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